USA: संयुक्त राज्य अमेरिका के कनेक्टिकट प्रांत की आम सभा द्वारा खालिस्तान समर्थित संगठन 'वर्ल्ड सिख पार्लियामेंट' द्वारा घोषित सिख स्वतंत्रता घोषणापत्र को मान्यता देने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कहा है कि कनेक्टिकट प्रांत की आम सभा के तथाकथित प्रशस्ति पत्र की गैर कानूनी कृत्य के तौर पर निंदा करते हैं। असल में कनेक्टिकट प्रांत ने वर्ल्ड सिख पार्लियामेंट द्वारा 36वीं सालगिरह को मान्यता देते हुए बधाई दी थी। जिसके बाद भारत की यह कड़ी प्रतिक्रिया आई है।
भारतीय वाणिज्य दूतावास ने क्या कहा
अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कनेक्टिकट प्रांत की आमसभा में तथाकथित 'सिख स्वतंत्रता घोषणापत्र' की वर्षगांठ को मान्यता देने के लिए जारी एक प्रशस्ति पत्र की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि वाणिज्य दूतावास, वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास के साथ मिलकर इस मुद्दे को संबंधित अमेरिकी जनप्रतिनिधियों के समक्ष उठाएंगे। भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कहा कि हम अमेरिका में कनेक्टिकट प्रांत की आम सभा के तथाकथित प्रशस्ति पत्र का गैर कानूनी कृत्य के तौर पर निंदा करते हैं। यह कुछ शरारती तत्वों द्वारा आम सभा के नाम का इस्तेमाल उनके कुटिल इरादों को करने की कोशिश है।
क्या है मामला
भारतीय वाणिज्यिक दूतावात ने 29 अप्रैल के उस प्रस्ताव के आधार पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें YouTube पर जारी एक वीडियो में देखा जा सकता है कि कनेक्टिकट आमसभा के एक अधिकारी को मंच से एक घोषणापत्र पढ़ते हुए देखा गया था। पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि "कनेक्टिकट महासभा सिख स्वतंत्रता की घोषणा की 36 वीं वर्षगांठ की मान्यता में वर्ल्ड सिख पार्लियामेंट बधाई देती है। हम आपके, आपके दोस्तों और आपके परिवार के साथ 29 अप्रैल, 1986 को पारित ऐतिहासिक प्रस्ताव की याद में शामिल होते हैं।
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