नई दिल्ली : कोरोना की गिरफ्त में आया देश इसकी चंगुल से निकलने के लिए तड़पड़ा रहा है। देश में रोजाना आ रहे कोरोना संक्रमण और मौतों के आंकड़ों ने लोगों में दहशत पैदा कर दी है। कोरोना के भय से लोगों के चेहरे पर निराशा और मायूसी है। सभी इस महामारी से छुटकारा पाना चाहते हैं। महामारी के बढ़ते मरीजों की संख्या से मेडिकल व्यवस्था चरमरा गई है। लोगों को पर्याप्त इलाज नहीं मिल पा रहा है। कोरोना की यह दूसरी लहर पहले से ज्यादा घातक साबित हुई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अभी महामारी की यह दूसरी लहर अपने चरम अवस्था पर नहीं पहुंची है। विशेषज्ञों का मानना है कि अभी महामारी के ढलान में कुछ वक्त लगेगा। फिर भी कुछ विशेषज्ञों एवं वैज्ञानिकों ने कोरोना के कमजोर पड़ने या इस पर नियंत्रण पाने को लेकर अनुमान जताया है।
सरकार ने वैज्ञानिकों की एक समिति बनाई
कोरोना की पहली लहर के समय देश में कोरोना की स्थिति पर नजर रखने के लिए सरकार ने विशेषज्ञों की एक समिति बनाई। इस समिति में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), भारतीय सांख्यिकीय संस्थान (आईएसआई) और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएस) के वैज्ञानिक शामिल थे। इस समिति ने भारतीय दशाओं को ध्यान में रखते हुए एक 'सुपर मॉडल' तैयार किया। इस 'सुपर मॉडल' ने अनुमान जताया कि हर्ड इम्युनिटी के चलते देश में कोरोना महामारी फरवरी 2021 में समाप्त हो जाएगी। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट गत अक्टूबर में सरकार को सौंपी। अक्टूबर में देश में कोरोना मामलों की संख्या करीब 75 लाख थी।
फरवरी 2021 में पहली लहर समाप्त होने का अनुमान जताया
संक्रमण के इस आंकड़े को आधार बनाते हुए समिति ने अनुमान जताया कि देश में कोरोना से संक्रमण की वास्तविक संख्या करीब 50 करोड़ या आबादी के 40 प्रतिशत के बराबर होगी। समिति का अनुमान था कि फरवरी तक कोविड-19 की लहर समाप्त हो जाएगी। फरवरी का मध्य आते-आते देश में कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत हुई। दूसरी लहर तबसे मजबूत होती आई है। यह बाद उल्लेखनीय है कि कोरोना की पहली लहर की समाप्ति का 'सुपर मॉडल' का अनुमान सही साबित हुआ।
आईआईटी कानपुर ने दूसरी लहर के खत्म होने पर अनुमान जताया
कोरोना की दूसरी लहर कब कमजोर पड़ेगी, इस बारे में अनुमान जताने के लिए आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने 'सुपर मॉडल' के ही तरीके को अपनाया। आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने अनुमान जताया कि कोरोना की दूसरी लहर अप्रैल मध्य में (15 से 20 अप्रैल) के बीच अपने चरम पर होगी। इसके बाद यह लहर कमजोर पड़ने लगेगी। वैज्ञानिकों के आंकलन के मुताबिक कोरोना के मामलों में आने वाली तेजी इसके अगले दो सप्ताहों में कमजोर पड़ने लगेगी।
मई के अंत तक दूसरी लहर के कमजोर पड़ेने का अनुमान
वैज्ञानिकों ने कहा, 'इस बात की बहुत संभावना है कि भारत में कोरोना के मामले 15 से 20 अप्रैल के बीच अपने चरम पर होंगे। ये आंकड़े जिस तेजी के साथ बढ़े हैं उतनी ही तेजी के साथ ये घटने भी शुरू होंगे। मई के अंत तक हम कोरोना के मामलों में बहुत ज्यादा कमी देख सकते हैं।' हालांकि, कोरोना की पहली लहर की तरह कोरोना के नए मामले बहुत कुछ सरकार के उपायों एवं लोगों के कोविड-19 प्रोटोकॉल्स के पालन पर भी निर्भर करेंगे।
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