राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) चीफ मोहन भागवत ने कहा है कि उनके पुरखों ने कभी किसी को जीता नहीं और न ही दूसरों को कन्वर्ट (धर्म बदलने के लिए कहा हो या मजबूर किया हो) किया। उन्होंने तो दुनिया के मुल्कों को और अच्छा बनाया और उन्हें कई चीजें ज्ञान के रूप में दीं। हमने किसी का कुछ लूटा और छीना भी नहीं और हम आज भी उसी राह पर हैं।
शिलॉन्ग में रविवार (25 सितंबर, 2022) को उन्होंने कहा- हमारे पूर्वजों ने बहुत बड़े-बड़े काम किए। जब जाने-आने के साधन नहीं थे, तब हिमालय पार कर गए। वे तब जापान और कोरिया तक गए। इधर साइबेरिया और मेक्सिको तक गए। जहां गए, वहां किसी को जीता नहीं। सबको अच्छा बनाया। इंडोनेशिया और बाली तक गए, पर कभी किसी देश को जीता नहीं, न ही किसी को कन्वर्ट किया।
बकौल भागवत, "लोग जैसे थे, वैसे उन्हें ज्ञान दिया। उन्हें गणित, विज्ञान और आयुर्वेद पढ़ाया-सिखाया...जो स्तर था, उससे अच्छा बनाया। आज भी हम वही कर रहे हैं। भारत के लोग जब उन मुल्कों में जाते हैं, तब वे उसे आदरपूर्वक नमस्कार करते हैं, क्योंकि हमने किसी का कभी किसी का कुछ लिया नहीं। छीना नहीं और लूटा नहीं।"
पड़ोसी मुल्क के हालात का जिक्र करते हुए वह आगे सवालिया लहजे में बोले- हमने हमेशा दिया ही दिया है। आज भी हम वही करते हैं। आप बताइए कि श्रीलंका को संकट के समय में किसने मदद की, किसने उसे लोन दिया? हमने दिया। वह जब फंस गया, तब भारत ने उसे कर्जा दिया। और किसी ने नहीं दिया। बाकी लोग तो टीका का व्यापार कर रहे थे, पर महामारी काल में किसने दुनिया को कोरोना वैक्सीन दी? हमने दी।
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