बिहार के मोकामा के रहने वाले कार्तिकेय सिंह को बाहुबली अनंत सिंह का करीबी माना जाता है। पेशे से शिक्षक रहे कार्तिकेय सिंह ने 2005 में अनंत सिंह की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी। एक तरह से वो अनंत सिंह के सलाहकार थे। कार्तिकेय सिंह ने आरजेडी के टिकट पर जेडीयू उम्मीदवार को हराया था। कार्तिकेय सिंह के बारे में कहा जाता है कि वो अनंत सिंह को महत्वपूर्ण राजनीतिक विषयों पर सलाह दिया करते थे। अनंत सिंह उनकी क्षमता के बारे में अच्छी तरह से जानते थे। यह भी कहा जाता है कि विधायकी समाप्त होने के बाद उन्होंने पार्टी पर कार्तिकेय सिंह के लिए दबाव बनाया था कि उन्हें नीतीश कुमार कैबिनेट में जगह मिल सके।
चर्चा में क्यों आए कार्तिकेय सिंह
दरअसल अपहरण के एक केस में कार्तिकेय सिंह को दानापुर में अदालत के सामने 16 अगस्त को सरेंडर करना था। लेकिन वो सरेंडर करने की जगह राजभवन में मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ले रहे थे। कार्तिकेय सिंह के शपथ के बाद बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया। डिप्टी सीएम रहे सुशील कुमार मोदी ने सिलसिलेवार कार्तिकेय सिंह पर निशाना साधा और यहां तक कहां कि अगर राज्य का कानून मंत्री ही कानूनी पचड़े में फंसा हुआ हो तो राज्य के लोगों को न्याय कौन दिलाएगा।
क्या है मामला
2014 में कार्तिकेय सिंह और 17 अन्य लोगों के खिलाफ पटना के बिहटा थाने में अपहरण का केस दर्ज हुआ था। कार्तिकेय सिंह पर आरोप था कि उन्होंने बिल्डर को मारने के मकसद से अपहरण की साजिश रची थी। इस मामले में चार्जशीट फाइल की गई और उसके बाद 14 जुलाई 2022 को अरेस्ट वारंट जारी किया गया। उन्हें 16 अगस्त 2022 को अदालत के सामने सरेंडर करना था।
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