पटना: बीजेपी के सीनियर नेता और सांसद सुशील कुमार मोदी ने दावा किया था नीतीश कुमार भारत का उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे। नहीं बनाया गया इसलिए उन्होंने बीजेपी ने नाता तोड़ लिया। इसको नीतीश ने बकवास और फर्जी करार दिया। सुशील मोदी ने एक बार फिर कहा कि अब वह (बिहार के सीएम नीतीश कुमार) कहेंगे कि यह झूठ है। लेकिन उनके दो करीबी सहयोगियों ने उन्हें उप राष्ट्रपति बनाने का रास्ता खोजने के लिए बिहार के सीनियर नेताओं से दो बार बात की। हमने कहा कि यह संभव नहीं है। यह 100% सच है कि यह बातचीत हुई थी।
सुशील मोदी ने बुधवार को आरोप लगाया था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे, और उनकी महत्वाकांक्षा जब पूरी नहीं हुई तो उन्होंने बीजेपी से नाता तोड़ लिया। इस पर नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि हमारे उपराष्ट्रपति बनने की इच्छा वाली बात बकवास है। हमारी ऐसी कोई इच्छा नहीं थी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में हमारी पार्टी ने पूरी तरह से एनडीए उम्मीदवार को समर्थन दिया था। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव के बाद ही हमने पार्टी की बैठक की।
बिहार के पूर्व डिप्टी सुशील मोदी के दावे के बारे में नीतीश ने कहा कि सुशील कुमार मोदी जी को उनकी पार्टी ने कुछ नहीं बनाया तो वे इस तरह की बात बोल रहे हैं। वे इतना मेरे खिलाफ बोलते रहे ताकि उनको जगह मिल जाए। उन लोगों के विषय में हमे कुछ भी नहीं कहना है। नीतीश ने दावा किया कि 2020 विधानसभा चुनाव के बाद हम मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे। हमारी पार्टी के कार्यकर्ता उनके उम्मीदवारों को जिताने में लगे थे और वो लोग हमारी पार्टी के उम्मीदवारों को हराने में लगे थे। हमारी पार्टी के लोगों की उनके साथ रहने की इच्छा नहीं थी। उनसे अलग होकर हम फिर से इनके (महागठबंधन) साथ आ गए हैं और मिलकर काम करेंगे।
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