Margaret Alva: कौन हैं मार्गरेट अल्वा, राजनीति में कब रखा कदम? जानिए सब कुछ

देश
दीपक पोखरिया
Updated Jul 17, 2022 | 19:17 IST

Margaret Alva: 6 अगस्त 2009 को मार्गरेट अल्वा उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल बनीं। इसके बाद वो राजस्थान, गुजरात और गोवा की राज्यपाल भी रहीं। 

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उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा को बनाया उम्मीदवार। (File Photo)  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा को बनाया उम्मीदवार
  • पूर्व केंद्रीय मंत्री और कई राज्यों की राज्यपाल रहीं है मार्गरेट अल्वा
  • एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ से होगा मार्गरेट अल्वा का मुकाबला

Margaret Alva: विपक्षी दलों ने रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और कई राज्यों की राज्यपाल रहीं मार्गरेट अल्वा को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया। ये फैसला एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर हुई बैठक में लिया गया। फैसले की घोषणा करते हुए शरद पवार ने कहा कि 17 विपक्षी दलों ने सर्वसम्मति से मार्गरेट अल्वा के नाम पर फैसला किया है। अब अल्वा का मुकाबला एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ से होगा। 

विपक्ष ने उपराष्ट्रपति पद के लिए मार्गरेट अल्वा को बनाया अपना उम्मीदवार

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मार्गरेट अल्वा का जन्म 14 अप्रैल 1942 को कर्नाटक के मैंगलोर में एक रोमन कैथोलिक परिवार में हुआ था। उन्होंने माउंट कार्मेल कॉलेज, बैंगलोर से बीए की डिग्री और गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, बैंगलोर से कानून की डिग्री प्राप्त की। 24 मई 1964 में मारग्रेट की शादी निरंजन अल्वा से हुई। उनकी एक बेटी और तीन बेटे हैं। साल 1969 में अल्वा ने राजनीति में एंट्री की। अल्वा ने 1975 और 1977 के बीच अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव और 1978 और 1980 के बीच कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में कार्य किया। 

अप्रैल 1974 में अल्वा कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में राज्यसभा के लिए चुनी गईं। इसके बाद फिर लगातार तीन बार 1980, 1986 और 1992 में राज्यसभा के लिए चुनी गईं। राज्यसभा में अपने समय के दौरान वह इसकी उपाध्यक्ष (1983-85) थीं और साथ ही संसदीय मामलों के मंत्रालयों में केंद्रीय राज्य मंत्री (1984-85) और युवा और खेल और महिला और बाल विकास, मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक शाखा के रूप में कार्य किया। साथ ही अल्वा ने अलग-अलग संसद समितियों में भी काम किया। बाद में कुछ समय के लिए अल्वा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री भी रहीं। अल्वा ने कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री (1991 और 1993-96) के रूप में कार्य किया। 

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कई राज्यों की राज्यपाल रही हैं मार्गरेट अल्वा

अल्वा साल 1999 में उत्तर कन्नड़ निर्वाचन क्षेत्र से सांसद बनीं। साल 2004 के लोकसभा चुनाव में अल्वा को हार का सामना करना पड़ा। 2004 और 2009 के बीच अल्वा ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में कार्य किया। 6 अगस्त 2009 को अल्वा उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल बनीं। इसके बाद वो राजस्थान, गुजरात और गोवा की राज्यपाल भी रहीं। 
 

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