Presidential Election 2022: 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान होना है। मुकाबला एनडीए की उम्मीदवार और द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के बीच है। अगर आंकड़ों की बात करें तो द्रौपदी मुर्मू की जीत तय मानी जा रही है, हालांकि नतीजों का औपचारिक ऐलान 21 जुलाई को होगा। मतदान से पहले विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने अंतरात्मा के आधार पर वोट देने की अपील की थी। बता दें कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में कोई भी दल ह्विप जारी नहीं करता है। इन सबके बीच यहां पर हम आपको चुनावी प्रक्रिया के बारे में बताएंगे। राष्ट्रपति चुनाव बैलेट पेपर के जरिए होता है, खास बात यह है कि सांसद अपने मताधिकार का इस्तेमाल हरे बैलट पेपर के जरिए करते हैं जबकि विधायक गुलाबी बैलट पेपर का इस्तेमाल करते हैं।
राष्ट्रपति चुनाव पर एक नजर
आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार राष्ट्रपति का चुनाव
राष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होता है। आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से, प्रत्येक निर्वाचक उतनी ही वरीयताएं अंकित कर सकता है, जितने उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। उम्मीदवारों के लिए ये वरीयताएं निर्वाचक द्वारा मत पत्र के कॉलम दो में दिए गए स्थान पर उम्मीदवारों के नाम के सामने वरीयता क्रम में, अंक 1,2,3, 4, 5 और इसी तरह रखकर चिह्नित की जाती हैं।यही कारण है कि राष्ट्रपति पद के चुनाव के साथ-साथ उपराष्ट्रपति, राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों में भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) का उपयोग नहीं किया जाता। ईवीएम एक ऐसी तकनीक पर आधारित हैं, जिसमें वे लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसे प्रत्यक्ष चुनावों में मतों को संग्रह करने का काम करती हैं। मतदाता अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम के सामने वाले बटन को दबाते हैं और जो सबसे अधिक वोट प्राप्त करता है उसे निर्वाचित घोषित किया जाता है।
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