Who will be the Next CDS: देश को जल्द ही नया सीडीएस (CDS) मिल सकता है। इसकी संभावना इसलिए बढ़ गई है कि थल सेना अध्यक्ष जनरल एम. एम. नरवणे अप्रैल में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। और सीडीएस के लिए जरूरी अनुभव भी रखते हैं। सीडीएस का पद, बीते दिसंबर में जनरल बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु होने के बाद से खाली है।
क्या होता है सीडीएस
जनरल बिपिन रावत एक जनवरी 2020 को भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) नियुक्त हुए थे। सीडीएस सेना के तीनों अंगों के मामले में रक्षा मंत्री का मुख्य सलाहकार होता है। उसके पास स्पेस और साइबर कमांड का भी जिम्मा होता है। इसी तरह बदलते दौर में आगे की लड़ाई में प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री को एक सिंगल प्वाइंट सलाह की जरूरत होगी। वह काम सीडीएस का है, जो सभी सेना प्रमुखों से सभी विकल्पों पर चर्चा कर बेस्ट सलाह देगा।
थल सेना प्रमुख अप्रैल में होंगे रिटायर
थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे अप्रैल 2022 में रिटायर हो रहे हैं। और जनरल बिपिन रावत के असामयिक निधन के बाद उन्हें चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी के चेयरमैन की जिम्मेदारी मिली थी। जो कि सीडीएस पद के सृजन के पहले वरिष्ठतम पद था। नरवणे को चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन पद की जिम्मेदारी इसलिए मिली थी, क्योंकि वह तीन सेना प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ अधिकारी थे। ऐसे में इस बात की संभावना है कि नरवणे को अगले सीडीएस की अहम जिम्मेदारी मिल सकती है।
सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने बताया- रूस-यूक्रेन संकट से भारत को क्या सबक मिला, इसके लिए रहना होगा तैयार
नवरणे की जगह कौन होगा अगला थल सेना प्रमुख
थल सेना में वरिष्ठ अधिकारियों की स्थिति देखी जाय तो थल सेना प्रमुख एम.एम.नवरणे के बाद वाइस चीफ आर्मी स्टॉफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे हैं। जो फरवरी 2022 में इस चीफ आर्मी स्टॉफ बने हैं। उनके अलावा कमांडर के रूप में दक्षिणी कमांड के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जी.एस.नैन, पूर्वी कमांड के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता, पश्चिमी कमांड के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नाव के खंडूरी, उत्तरी कमांड के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, दक्षिणी-पश्चिमी कमांड के जीओसी इन चार्ज लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह भिंडर वरिष्ठ अधिकारी हैं।
जनरल बिपिन रावत का सीडीएस के रुप में योगदान
तीनों सेनाओं को किस तरह एक डायरेक्शन में लेकर चला जाय। इसके लिए बिपिन रावत ने ज्वाइंटनेंस पर फोकस किया। इसमें ट्रेनिंग से लेकर सभी पहलुओं पर फोकस किया गया। बजट का बेहतर इस्तेमाल कैसे हो, इसके लिए फाइनेंशियन प्लानिंग पर जोर दिया । बर्बादी (वेस्टेज) को रोकने पर भी उनका फोकस रहा है। जिसमें संसाधनों को बेहतर इस्तेमाल हो सके। इसके अलावा मिलिट्री-सिविल फ्यूजन पर भी उनका जोर रहा। सेना को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया। इसके लिए पहली बार 101 आयटम की लिस्ट निकाली जिसमें भारत के बने हुए उत्पाद का इस्तेमाल होगा।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।