नई दिल्ली : पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दिकी की शुक्रवार को अफगानिस्तान में हत्या हो गई है। वह कंधार के हिंसाग्रस्त क्षेत्र स्पिन बोलदाक में कवरेज कर रहे थे। सिद्दिकी पिछले कई दिनों से कंधार में थे और वहां की संघर्ष की तस्वीरें दुनिया के सामने ला रहे थे। हाल के दिनों में उन्होंने अफगान सुरक्षा बलों के साथ बड़े अभियान को कवर किया। गत 13 जून को अपने एक ट्वीट में उन्होंने कहा था कि वह हमले में बाल-बाल बच गए। बताया जा रहा है कि कंधार क्षेत्र में तालिबान और अफगान सुरक्षा बलों के बीच जारी हिंसक संघर्ष में सिद्दिकी मारे गए। सिद्दिकी की मौत की जानकारी भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममूनद्जे ने दी।
कौन थे दानिश सिद्दिकी
40 वर्ष के सिद्दिकी मूंबई में रहते थे। उन्होंने प्रवासी संकट एवं कोरोना की दूसरी लहर सहित कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय घटनाओं को कवर किया था। वह पिछले कुछ दिनों से कंधार के हालात कवर कर रहे थे। रायटर्स न्यूज एजेंसी में काम करते हुए उन्होंने पुलित्जर पुरस्कार जीता। दानिश ने दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री ली। साल 2007 में उन्होंने जामिाय के ही एजेके मास कम्यूनिकेशन रिसर्च सेंटर से मास कम्यूनिकेशन की डिग्री हासिल की।
साल 2018 में रायटर्स से जुड़े सिद्दिकी
सिद्दिकी ने अपने पत्रकारिता पेशे की शुरुआत टेलीविजन से की। उन्होंने कुछ समय तक संवाददाता के रूप में काम किया इसके बाद साल 2010 में रायटर्स से एक इंटर्न के रूप में जुड़ गए। रायटर के लिए काम करते हुए साल 2018 में उन्हें और उनके सहयोगी अदनान आबिदी को फीचर फोटोग्राफी के लिए पुलित्जर पुरस्कार मिला। इन दोनों ने रोहिंग्या शरणार्थी संकट का बेहतरीन कवरेज किया था। सिद्दिकी ने अफगानिस्तान, इराक युद्ध, रोहिंग्या शरणार्थी संकट, हांगकांग प्रदर्शन, नेपाल भूकंप सहित कई अहम घटनाओं को कवर किया।
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