Hardik Patel Resigned from Congress: उदयपुर में चले 3 दिन के चिंतन शिविर के बाद कांग्रेस अभी युवाओं को जोड़ने की तैयारी का खाका ही बना रही थी कि उसे एक और युवा ने बड़ा झटका दे दिया है। गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। पहले से नाराज चल रहे पटेल ने अपने इस्तीफे में सीधे तौर पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधा है। उन्होंने यहां तक कह दिया है कि शीर्ष नेतृत्व का ध्यान गुजरात की समस्याओं से ज्यादा सैंडविच और फोन पर रहता है। जाहिर है हार्दिक पटेल ने अपनी नाराजगी इस्तीफे में खुलकर रख दी है और बिना नाम लिए सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं।
हार्दिक पटेल का इस्तीफा राहुल गांधी के लिए खास तौर से बड़ा झटका है क्योंकि वह खुद साल 2019 में हार्दिक पटेल को कांग्रेस में लेकर आए थे। और फिर उन्हें 2020 में गुजरात प्रदेश कांग्रेस का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया था। पटेल राहुल की युवा ब्रिगेड का हिस्सा थे। लेकिन पिछले डेढ़ साल में काम करने से ज्यादा उनकी नाराजगी चर्चा में रही है। और हालात इस कदर बिगड़ गए कि हार्दिक पटेल न्यौते के बाद भी कांग्रेस के चिंतन शिविर में नहीं पहुंचे। और अब वह उन युवा नेताओं की लिस्ट में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने राहुल ब्रिगेड से अपना नाता तोड़, पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
क्यों नाराज थे हार्दिक पटेल
हार्दिक पटेल की नाराजगी पिछले महीने अप्रैल में दिए गए एक बयान से समझी जा सकती है। पटेल ने एक अखबार से बातचीत में कहा था कि मेरी स्थिति ऐसे नए दुल्हे जैसी है जिसकी नसबंदी करा दी गई हो। हार्दिक पटेल इस बयान के जरिए साफ तौर पर यह संदेश दे रहे थे कि उन्हें काम करने नहीं दिया जा रहा है। हार्दिक पटेल की इन बातों में तब दम मिला, जब ऐसी बाते सामने आई कि कांग्रेस ने गुजरात में महासचिवों और उपाध्यक्षों की नियुक्ति में हार्दिक पटेल को तवज्जो नहीं दी। इसके अलावा पटेल की यह भी शिकायत रही है कि राज्य के नेता उनको अहमियत नहीं देते हैं।
नरेश पटेल की अटकलों ने भी हार्दिक पटेल की मुश्किलें बढ़ाई। असल में ऐसी चर्चा है कि कांग्रेस, गुजरात के प्रमुख पाटीदार नेता और बिजनेसमैन नरेश पटेल को जल्द ही पार्टी में शामिल कर सकती है। ऐसा होने पर साफ है कि हार्दिक पटेल को अपना कद घटने का भी डर होगा। क्योंकि पीटादार आंदोलन के सफल नेतृत्व के बाद ही हार्दिक पटेल को कांग्रेस में शामिल किया गया था। अब अगर नरेश पटेल के रूप में दूसरे पाटीदार नेता कांग्रेस में शामिल हो जाते हैं, हार्दिक पटेल के साइडलाइन होने का का खतरा बढ़ जाता। ऐसी भी चर्चा है कि राहुल गांधी ने भी हार्दिक पटेल से दूरी बना ली थी और उनके मैसेज के जवाब नहीं दे रहे थे।
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इस्तीफे में गांधी परिवार निशाने पर
हार्दिक पटेल ने अपने इस्तीफे में जिस तरह से शीर्ष नेतृत्व को निशाने पर लिया है और उसके लिए जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, वह निश्चित तौर पर उनकी भारी नाराजगी को बयां करता हैं। वह अपने इस्तीफे में लिखते हैं कि चाहे प्रभु श्री राम के मंदिर का निर्माण की बात हो या फिर सीएए-एनआरसी, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाना और जीएसटी के मुद्दे, सभी कांग्रेस केवल बाधा उत्पन्न करती रही है। उन्होंने यह भी लिखा है कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में किसी भी मुद्दे के प्रति गंभीरता की कमी एक बड़ा मुद्दा है। नेतृत्व का ध्यान गुजरात की समस्याएं सुनने से ज्यादा मोबाइल और दूसरी चीजों पर रहा है। और जरूरत के समय कांग्रेस नेता विदेश चले जाते हैं। साफ है कि हार्दिक पटेल ने बिना नाम लिए गांधी परिवार पर निशाना साधा है और उनके नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं।
राहुल अपनी युवा ब्रिगेड में पड़े अकेले
हार्दिक पटेल को राहुल ब्रिगेड का ही माना जाता था। लेकिन लगता है कि राहुल ने जिन युवाओं को अपने ब्रिगेड में शामिल किया, उन्हीं का राहुल पर भरोसा नहीं रह गया है। इस लिस्ट में ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, सुष्मिता देव, प्रियंका चतुर्वेदी , अशोक तंवर जैसे युवा नेताओं के नाम शामिल है। जिन्होंने कांग्रेस छोड़ दूसरे दलों का दामन थाम लिया। कर लिया है। ऐसे में सवाल यही है कि राहुल बचे युवा नेताओं को अपने साथ कैसे जोड़ कर रख पाएंगे । खास तौर पर जब उनके करीबी ही उनका साथ छोड़ रहे हैं।
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