Mukul Roy News: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने में कामयाबी रही। टीएमसी की जीत का एक असर यह हुआ कि बीजेपी के दिग्गज नेता मुकुल रॉय ने पार्टी छोड़ी और टीएमसी में दोबारा शामिल हो गए। लेकिन अब मामला उनकी विधायकी पर फंसा हुआ है, बीजेपी, विधानसभा अध्यक्ष से मांग कर रही है कि मुकुल रॉय दलविरोध कानून के दायरे में आते हैं और उन्हें अयोग्य ठहराया जाना चाहिए। बीजेपी नेता यह भी कहते हैं कि अगर ऐसा नहीं होता है तो पार्टी अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।
'सिस्टम पर भरोसा नहीं'
इस विषय पर बीजेपी नेता शुवेंदु अधिकारी कहते हैं कि सोमवार को उन्हें विधानसभा अध्यक्ष द्वारा की सुनवाई की कॉपी मिलेगी। लेकिन उन्हें सिस्टम पर भरोसा नहीं है। हम लोग अदालत जाने की सोच रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष को तय समय के अंदर निर्णय करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पश्चिम बंगाल में नियम और कानून की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं उससे साफ है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष निष्पक्ष तरीके से काम नहीं कर रहे हैं।
11 जून को टीएमसी में की वापसी
बीजेपी के टिकट पर मुकुल रॉय कृष्णानगर उत्तर सीट से विजयी हुए थे। लेकिन 11 जून को वो वापस तृणमूल में लौट आए। बता दें कि 2017 में ममता बनर्जी की पार्टी छोड़ने के बाद बीजेपी में शामिल हुए थे। कलकत्ता हाईकोर्ट में एक पीआईएल के जरिए अनुरोध किया गया कि विधानसभा में लोक लेखा समिति के अध्यक्ष के पद से विधायक मुकुल राय को हटा दिया जाए। ये बात अलग है कि राज्य सरकार विरोध करते हुए कहा कि मामला विधानसभाध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में आता है।
पीएसी अध्यक्ष से हटाने की मांग
याचिकाकर्ता बीजेपी विधायक ने दावा किया कि परंपरागत रूप से पीएसी अध्यक्ष पद पर किसी विपक्षी सदस्य को नियुक्त किया जाता है और बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद मुकुल राय सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं, लिहाजा उन्हें इस पद से हटा दिया जाना चाहिए।
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