Tej Pratap Yadav : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार में कलह कोई नई बात नहीं है। उनके दोनों बेटों तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव पर समय-समय पर मनमुटाव की खबरें आती रही हैं। लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप हालांकि, अपने फैसलों एवं घोषणाओं से चौंकाते रहे हैं। उन्होंने सोमवार रात एक बार फिर चौंकाने वाली घोषणा की। तेज प्रताप यादव ने कहा है कि अपने पिता लालू प्रसाद यादव से मिलने के बाद वह राजद से इस्तीफा दे देंगे। तेज प्रताप का यह बात बिहार की राजनीति में जंगल की आग की तरह फैली। लोग यह पूछने लगे कि ऐसे समय में राजद जब लालू यादव को चारा घोटाला के एक केस में मिली जमानत का जश्न मना रही है तो तेज प्रताप ने अपने इस्तीफे की घोषणा क्यों की?
इफ्तार पार्टी के दिन हुई घटना
बता दें कि गत शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट ने डोरंडा कोषागार मामले में जमानत दे दी। तेज प्रताप की इस बार की नाराजगी के पीछे इफ्तार पार्टी वाले दिन की घटना को वजह बताया जा रहा है। राजद के पटना यूथ विंग के नेता रामराज ने तेज प्रताप पर उनके साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है। रामराज का आरोप है कि तेज प्रताप ने अपने समर्थकों के साथ एक कमरे में उन्हें पीटा और उनके कपड़े उतार दिए। इफ्तार पार्टी का आयोजन राबड़ी देवी के आवास पर हुआ था। रामराज का दावा है कि तेज प्रताप उन्हें अपनी मां के कमरे में ले गए और उनकी पिटाई की। इस इफ्तार पार्टी में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हुए।
(तस्वीर-इंस्टाग्राम)
रामराज यादव का आरोप-तेज प्रताप ने उन्हें पीटा
रामराज यादव का आरोप है कि तेज प्रताप ने न केवल उन्हें गाली दी बल्कि अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव, पिता लालू यादव के बारे में भी आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। राजद नेता का कहना है कि उन्होंने इस पूरी घटना की जानकारी तेजस्वी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को दी। बिहार की राजनीति के जानकारों का मानना है कि इस घटना के बाद लालू परिवार ऐसा जरूर कुछ हुआ है जिससे तेज प्रताप खुद को आहत महसूस किया है और पार्टी से इस्तीफा देने जैसा बड़ा कदम उठाने की बात कही है। जानकार कहते हैं कि तेज प्रताप ने घोषणा तो कर दी है लेकिन वह अपने फैसले पर आगे बढ़ेंगे इस बारे में उन्हें संदेह है।
(तस्वीर-इंस्टाग्राम)
कई बार रूठते-मानते रहे हैं तेज प्रताप
राजद में पकड़ और उस पर अपने वर्चस्व को लेकर दोनों भाइयों के बीच कई बार मनमुटाव एवं गतिरोध सामने आता रहा है। तेज प्रताप ने कई बार बगावती तेवर अख्तियार किए हैं लेकिन हर बार उनकी मां राबड़ी देवी उन्हें मनाती रही हैं। तेज प्रताप अपने छोटे भाई तेजस्वी को अर्जुन और खुद को सारथी घोषित कर चुके हैं। एक तरह से उन्होंने मान लिया कि पार्टी का नेतृत्व तेजस्वी करेंगे लेकिन वह नंबर दो पर रहेंगे। हालांकि, तेज प्रताप को समय-समय पर लगता है कि पार्टी में उनकी बात नहीं सुनी जा रही है या जब वे उपेक्षित महसूस करते हैं तो इस तरह का ऐलान करते हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले टिकट बंटवारे एवं अन्य कारणों को लेकर तेज प्रताप इतने नाराज हो गए कि उन्होंने अपना एक संगठन तैयार कर लिया। बाद में राबड़ी देवी के समझाने-बुझाने पर वह पार्टी के साथ रहने के लिए तैयार हुए।
पिछले साल अपना छात्र संगठन बनाया
पिछले साल तेज प्रताप की नाराजगी एक बार फिर सामने आई। राजद के छात्र इकाई से उनके एक करीबी सहयोगी को निकाले जाने पर तेज प्रताप आग बबूला हो गए। इसके बाद उन्होंने छात्र जनशक्ति परिषद के नाम से अपना एक अलग छात्र संगठन बनाया। कुछ दिनों पहले तेज प्रताप ने दावा किया कि उनकी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ निजी बातचीत हुई है। उन्होंने दावा किया कि बिहार की राजनीति में एक बड़ा 'खेला' होने जा रहा है और राज्य में तेजस्वी की सरकार बनेगी। हालांकि, राजद ने उनके इस दावे से खुद को अलग कर लिया।
(तस्वीर-इंस्टाग्राम)
जगदानंद सिंह भी हैं एक वजह
कहा जाता है कि तेज प्रताप पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को पसंद नहीं करते हैं। जगदानंद सिंह पर उनका गुस्सा एवं खीझ कई बार प्रकट हो चुका है। उन्होंने सिंह के खिलाफ कई बार बयान दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि तेज प्रताप चाहते थे कि जगदानंद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया जाए लेकिन तेजस्वी ने उनकी नहीं सुनी। यही नहीं, लालू यादव भी जगदानंद सिंह के साथ मजबूती से खड़े रहे हैं। बताया जाता है कि पार्टी में सिंह के बढ़ते रसूख एवं दबदबे से भी तेज प्रताप आहत हैं।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।