नई दिल्ली : कोविड-19 की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें सामने आई हैं। सबसे अहम बात यह है कि कोविड-19 के प्रभाव को देखते हुए देश को तीन भागों-रेड ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटने का निर्णय हुआ है। इन तीन जोन के लिए सरकार अलग-अलग रणनीति और योजना बनाएगी। सभी राज्यों ने कोविड-19 की स्थिति पर अपने-अपने सुझाव दिए हैं। सरकार इन सुझावों पर विचार-विमर्श करने के बाद अंतिम रूप से दिशा-निर्देश और कार्य योजना तैयार करेगी। गोवा, मेघालय और ओडिशा सहित कई राज्यों ने अपने यहां लॉकडाउन बढ़ाने की पेशकश की है। लॉकडाउन तीन मई के बाद भी जारी रहेगा यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
कोविड-19 से लड़ाई, आर्थिक गतिविधियां दोनों प्राथमिकता में
इस बैठक में सरकार ने अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा कि उसकी प्राथमिकता में कोविड-19 से लड़ाई और आर्थिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करना दोनों शामिल है। जाहिर है कि सरकार इस माहामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई को हल्का या कमजोर न करते हुए अर्थव्यवस्था के चक्के को वापस अपनी पटरी पर लाना चाहती है। बैठक में पीएम मोदी ने देश भर में मास्क पहनने और दो गज की दूरी बनाए रखने पर जोर दिया। खास बात यह है कि कोविड-19 पर मख्यमंत्रियों के साथ पीएम की यह चौथी बैठक है। इसके पहले सभी बैठकों के एजेंडे में लॉकडाउन प्रमुख मुद्दा रहा है लेकिन इस बार की बैठक में लॉकडाउन से उबरने और आर्थिक गतिविधियां शुरू करने पर चर्चा हुई।
नीतीश कुमार ने प्रवासी मजदूरों का मुद्दा उठाया
पीएम मोदी के साथ बातचीत में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रवासी मजदूरों का मुद्दा उठाया। नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार के आदेश में जब तक संशोधन नहीं हो जाता तब तक कोटा से छात्रों को वापस लाने का सवाल नहीं है। नीतीश ने कहा कि अगर एमएचए अपने आदेश में संशोधन कर लेता है तो उन्हें छात्रों को वापस बुलाने में कोई दिक्कत नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संशोधन हो जाने के बाद प्रवासी मजदूरों को भी लाने में परेशानी नहीं है।
कई मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन बढ़ाने की सहमति दी
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, मेघालय के सीएम कोनार्ड संगमा सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने यहां लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने की अपील की। बैठक में इस बात पर सहमति जताई गई कि कोरोना महामारी को रोकने में लॉकडाउन से फायदा पहुंचा है और दूसरे देशों के मुकाबले भारत बेहतर स्थिति में है। राज्यों के मुख्यमंत्री तीन मई के बाद अचानक से लॉकडाउन में ढील देने के पक्ष में नहीं है। रेड जोन में लॉकडाउन की पूरी पांबदी के साथ जारी रह सकता है। येलो जोन में सरकार कुछ रियायत दे सकती है जबकि ग्रीन जोन को पाबंदी से मुक्त किया जा सकता है लेकिन यहां मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना आवश्यक बनाया जा सकता है।
पीएम ने मुख्यमंत्रियों को आगाह किया
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ बातचीत में ज्यादातर मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन जारी रखने पर अपनी सहमति दी। जबकि
पीएम ने कहा कि कोविड-19 का खतरा दूर-दूर तक खत्म होने वाला नहीं, इसलिए लगातार चौकस बने रहना बहुत अहम है। उन्होंने कहा, 'हमें बहादुर बनना होगा और ऐसे सुधार लाने होंगे जो आम लोगों के जीवन को छूए।' बता दें कि कोरोना महामारी का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए देश भर में 3 मई तक लॉकडाउन लागू है। देश में कोरोना वायरस से संक्रमण की संख्या बढ़कर 27892 हो गई है। इस महामारी से अब तक 872 लोगों की जान चली गई है जबकि इलाज से 6185 लोगों को ठीक किया गया है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।