सियासत में कौन किसके करीब आ जाए और कब दूर चला जाए कह पाना मुश्किल होता है। जरूरत के मुताबिक समीकरण बदलते रहते हैं। महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना की जोड़ी को अटूट माना जाता था। लेकिन सीएम की कुर्सी के लिए इस तरह टकराव हुआ कि उद्धव ठाकरे एनसीपी और कांग्रेस के साथ जा मिले जिनकी विचारधारा में जमीन और आसमान का अंतर था। ये बात अलग है कि उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार ना सिर्फ सत्ता से बाहर है बल्कि शिवसेना पर हक किसका इसके लिए अदालत में लड़ाई हो रही है। इन सबके बीच महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडवीस ने इतनी तीखी बात कही कि जिसका कल्पना उद्धव ठाकरे ने भी शायह ही की हो।
पीएम का फोटो दिखा कर सत्ता में आए लेकिन..
देवेंद्र फडणवीस ने 2019 का हवाला देते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का फोटो दिखा कर आप सत्ता में आए।लेकिन पीठ में छूरा भोंक कर एनसीपी और कांग्रेस से जा मिले। आपने इन दोनों दलों के साथ मिलकर मुझे खत्म करने की भरपूर कोशिश की। हालांकि आप मेरा नुकसान ना तब कर सके और ना आगे कर पाएंगे।
फॉक्सकॉन- वेदांता पर तकरार
अब सवाल यह है कि उद्धव ठाकरे और उनका गुट देवेंद्र फडणवीस पर इतना खफा क्यों है। दरअसल महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान फॉक्सकॉन- वेदांता का प्लांट पुणे के करीब लगना था। लेकिन सत्ता बदल के बाद यह सौदा गुजरात चला गया। 1.54 लाख करोड़ के सौदे के हाथ से निकलने के बाद शिवसेना ने निशाना साधा कि यही बीजेपी का महाराष्ट्र के लोगों से प्रेम है। बीजेपी की सरकार ने खुद वो सौदा गुजरात जाने दिया क्योंकि केंद्र सरकार को जो खुश करना था। इस तरह के आरोपों पर बीजेपी ने निशाना साधा और कहा कि आरोप लगाने से पहले यह देख लिए होते कि प्लांट लगाने वाला शख्स क्या कह रहा है। सरकार में आने के बाद इस सौदे को लेकर जितनी गंभीरता आप की सरकार ने नहीं दिखाई होगी उससे ज्यादा कहीं हम गंभीर थे।
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