नई दिल्ली: बिहार मे जल्द ही नीतीश कैबिनेट का विस्तार होने वाला है और इस विस्तार में कई नए चेहरों को मौका मिल सकता है। इन सबके बीच जिस नाम की सबसे अधिक चर्चा है वह है शाहनवाज हुसैन। शाहनवाज हुसैन बीजेपी के सबसे सौम्य और सरल प्रवक्ताओं में गिने जाते हैं और वह केंद्र की राजनीति से सीधे राज्य की राजनीति में उतरे हैं। ऐसे में तमाम तरह के सवाल भी उठ रहे हैं कि आखिर बीजेपी को एक केंद्रीय स्तर के नेता को राज्य में उतारने की जरूरत क्यों पड़ी। दूसरी तरफ शाहनवाज को राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी का विकल्प भी माना जा रहा है।
बाजपेयी सरकार में सबसे युवा मंत्री रह चुके हैं शाहनवाज
शाहनवाज हुसैन उस समय केंद्र में मंत्री रह चुके हैं जब एनडीए सरकार का नेतृत्व अटल बिहारी बाजपेयी ने किया था और वह उस कैबिनेट के सबसे युवा सदस्य थे। गौर करने वाली बात ये है कि नीतीश कुमार भी तब बाजपेयी सरकार में रेल मंत्री थे, यानि शाहनवाज और नीतीश केंद्रीय स्तर पर एकसाथ काम कर चुके हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो नीतीश और शाहनवाज दोनों ही समकक्ष हैं ऐसे में शाहनवाज को मिलने वाले विभाग को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं।
सुशील मोदी का विकल्प?
नीतीश मंत्रिमंडल में कई ऐसे महत्वपूर्ण विभाग है जिसकी जिम्मेदारी शाहनवाज हुसैन को दी जा सकती है जिनमें वाणिज्य से लेकर सड़क, वित्त और स्वास्थ्य जैसे विभागों को लेकर भी चर्चा है। चूंकि बिहार में बीजेपी का एक भी मुस्लिम विधायक नहीं है ऐसे में शाहनवाज बीजेपी का मुस्लिम चेहरा भी बन गए हैं और कद के हिसाब से ही उन्हें कैबिनेट में जगह मिलना तय है। सुशील मोदी के विकल्प के रूप में देखे जा रहे है शाहनवाज को बिहार में लाने को बीजेपी के फ्यूचर प्लान के रूप में देखा जा रहा है।
2014 का चुनाव हारे
1999 में बिहार के किशनगंज से लोकसभा चुनाव जीतकर आए शाहनवाज हुसैन ने बाजपेयी कैबिनेट में नागरिक विमानन और कपड़ा मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली थी। इसके बाद वह 2004 का आम चुनाव हार गए लेकिन 2005 में भागलपुर सीट से हुए उपचुनाव में विजयी रहे 2009 में भागलपुर से फिर से चुने जाने वाले शाहनवाज हुसैन 2014 में मोदी लहर के बावजूद चुनाव हार गए। लेकिन पार्टी के सभी मंचों पर उनकी उपस्थिति बनी रही और वह प्रवक्ता के तौर पर बखूबी से अपनी जिम्मेदारी निभाते रहे।
कुल संपति
शाहनवाज के कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाल में उन्होंने जब विधान परिषद का नामांकन दाखिल किया तो उस समय खुद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौजूद रहे। कुल संपत्ति की बात करें दो उनकी अचल संपत्ति 3 करोड़ 70 लाख के करीब है जिसमें नएडा और गाजियाबाद में दो फ्लैट भी शामिल हैं। माना जा रहा कि शाहनवाज के जरिए बीजेपी पार्टी के अंदर नया नेतृत्व तैयार कर रही है तांकि विपक्षी आरजेडी को भी जवाब दिया सके हैं।
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