ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर ट्रॉमा सेंटर में तैनात डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही की सारी हदें पार कर दी हैं। एक भयानक घटना में, डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित कर दी गई एक महिला को उसके पोस्टमार्टम से ठीक पहले जीवित पाया गया। उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में एक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल जामवंती को उनसे बाद परिजनों ने उन्हें झांसी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया लेकि हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उन्हें ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल रेफर कर दिया, जहां उन्हें ट्रामा सेंटर में भर्ती कर दिया गया। डॉक्टरों ने महिला की जांच कर उसे मृत घोषित कर दिया और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी भी कर दिया।
डॉक्टरों की लापरवाही का आलम ये था कि मृत घोषित होने से पहले ईसीजी होता है लेकिन उन्होंने सीधे महिला को मृत घोषित करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बाद में महिला के परिजन उसे पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी ले गए। इसी दौरान महिला ने पति का हाथ पकड़ लिया तो उसके होश उड़ गए। इसके बाद परिजनों ने देखा कि जामवंती की नब्ज भी चल रही है। परिजनों ने तुरंत डॉक्टरों को सूचित किया। महिला को फिर से आईसीयू में शिफ्ट किया गया। मामला सामने आने के बाद महिला के परिवार ने हंगामा किया और आरोप लगाया कि अस्पताल के अधिकारी अब मामले को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस बीच, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने अस्पताल अधीक्षक को फटकार लगाई और महिला को मृत घोषित करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया। वहीं अस्पताल के अधीक्षक ने इस मामले में तीन सदस्यों की एक कमेटी गठित की है जिसकी जांच के आधार पर लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
मोर्चरी फ्रीजर में चमत्कारिक ढंग से जिंदा हुआ व्यक्ति, इलाज के दौरान हुई मौत, मामले की हो रही जांच
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