World Environment Day 2020: समय आ गया है अपनी धरती को फिर से स्वर्ग बनाने का, इस पर्यावरण दिवस लें ये संकल्प

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 सृष्टि वर्मा
Updated Jun 04, 2020 | 07:45 IST

World Environment Day 2020: अपनी सुख सुविधाओं और विकास की आड़ में अगर हम पर्यावरण को संतुलित बना कर नहीं रखते हैं तो हमें ऐसी ही महामारी, प्रलय, भूकंप, बाढ़, चक्रवात जैसी आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है।

world environment day 2020
विश्व पर्यावरण दिवस (Source: Pixabay) 
मुख्य बातें
  • हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है
  • संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन विश्व पर्यावरण दिवस घोषित किया था
  • अगर पर्यावरण के साथ संतुलन बना कर नहीं चले तो ऐसी ही आपदाओं का सामना करना पड़ता है

जो खाना हम खाते हैं, जिस हवा में हम सांस लेते हैं, जो पानी हम पीते हैं और ये जो वातावरण है जो हमारी धरती को जीने के अनुकूल बनाती है वह सब हमें प्रकृति से प्राप्त होता है। इसका साफ मतलब ये है कि इस ब्रह्मांड को चलाने में पर्यावरण का खास महत्व होता है। जब पर्यावरण ने हमें इतना कुछ दिया है तो हमें भी इसे रिटर्न में इसकी सुरक्षा को सुनिश्चित करनी चाहिए। कोविड-19 महामारी के इस दौर में जहां इंसान आज अपनी जान की रक्षा के लिए चिंतित है वहीं जाने अनजाने में ये महामारी हमें ये भी सीख दे गई है कि हमें अपने पर्यावरण को किस तरह से सुरक्षित रखना चाहिए। अपनी सुख सुविधाओं और विकास की आड़ में अगर हम पर्यावरण को संतुलित बना कर नहीं रखते हैं तो हमें ऐसी ही महामारी, प्रलय, भूकंप, बाढ़, चक्रवात जैसी आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है। 

यह समय है उठने का जागने का, अपनी आवाज उठाने का, यह टाइम है अपनी धरती को फिर से स्वर्ग बनाने का। किस तरह प्रकृति आपके लिए फायदेमंद है आप इसे इस तरह समझ सकते हैं। हर साल समुद्री पेड़ पौधे हमारे पर्यावरण का आधा ऑक्सीजन उत्सर्जित करती है। वहीं एक सामान्य पेड़ 22 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड को एब्जॉर्ब कर हमारे आस-पास की हवा को स्वच्छ करता है और बदले में हमें ऑक्सीजन देता है। इतना सब के बावजूद हम प्रकृति के साथ सौतेला व्यवहार करते हैं। यही कारण है कि हमें फिर से सोचने की जरूरत है फिर से मंथन करने की जरूरत है और इस तरफ गंभीर रुप से काम करने की जरूरत है।

क्यों जरूरत महसूस हुई इसकी

विश्व पर्यावरण दिवस इस साल कोलंबिया के द्वारा होस्ट किया जा रहा है। 1974 से लेकर अब तक हर साल 5 जून को ये दिवस मनाया जा रहा है जिसमें सरकारें, व्यापारी समूह, सेलेब्रिटीज, आम नागरिक सभी प्रकृति की तरफ अपना योगदान देने के लिए संकल्प लेते है। इस साल पर्यावरण दिवस की थीम है बायोडायवर्सिटी जिसका अर्थ होता है जैव विविधता। हाल ही में ब्राजील के जंगलों में लगी आग, एशिया के कई देशों में मंडरा रहा टिड्डियों का खतरा, पूरी दुनिया में छाई हुई महामारी कोरोना वायरस प्रकृति के साथ हमारी क्रूरता का ही परिणाम है। इन आपदाओं से ना सिर्फ मनुष्य को खतरा है बल्कि जीव जंतु पेड़ पौधों के ऊपर भी खतरा मंडरा रहा है। 

बढ़ती जनसंख्या, मरीन पॉल्यूशन, ग्लोबल वॉर्मिंग के बढ़ते खतरे को देखते हुए ही संयुक्त राष्ट्र इसकी जरूरत का एहसास हुआ। इस बात की जरूरत महसूस की गई कि लोगों को पर्यावरण के प्रति अपने दायित्वों को याद दिलाने की जरूरत है। इसलिए इस दिन की शुरुआत की गई इसमें दुनियाभर के 143 देशों ने अपनी भागीदारी निभाई है।

लें ये संकल्प

  • कचरा ना फैलने दें। आज की तारीख में हर तरफ उद्योग फैक्ट्रियां खुल गए हैं जिससे कचरा ज्यादा निकलने लगा है। इनसे निकलने वाला कचरा खुले में या पिर नदियों में बहा दिया जाता है इसी अनदेखी का अनुकरण आम लोग भी करने लगते हैं। और फिर देखते-देखते हमारे चारों तरफ प्रदूषण फैलने लगता है। इसलिए संकल्प लें कि अपने यहां से निकलने वाला कचरा सही स्थान पर पहुंच जाए। 
  • हवा को साफ रखें। जितना ज्यादा हो सके हम अपने आस पास के हवा को साफ रखें ताकि हम स्वच्छ खुली हवा में सांस ले सकें। ई वाहन का उपयोग करें, कम से कम पेट्रोल डीजल का इस्तेमाल करें। ज्यादा से ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करें।
  • पेड़ पौधे लगाएं। ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाएं। ज्यादा ना सही तो कम से कम हर पर्यावरण दिवस हर कोई अपनी तरफ से एक पेड़ जरूर लगाए इससे पर्यावरण के प्रति आपकी बड़ी जिम्मेदारी पूरी होगी और आप आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अच्छा काम करके जाएंगे।
  • पेड़ पौधे ना काटें। आजकल देखा जाता है कि विकास कार्यों की आड़ में बड़ा से बड़ा जंगल का जंगल ही काट दिया जाता है। आज समय है इसकी जरूरत को समझने की। पेड़ पौधे काटने से ना सिर्फ हमें ऑक्सीजन की कमी हो सकती है बल्कि पूरा मौसम चक्र बिगड़ सकता है जिसके बाद फिर हमें भीषण प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • कम खपत वाले बल्ब जलाएं। कम खपत वाले बल्ब से रोशनी बढ़ाएं, इससे गर्मी कम उत्पन्न होगी और ग्लोबल वॉर्मिंग कम होगी। अगर ग्लोबल वॉर्मिंग को कम करना है तो आपको इस तरह के काम को बंद करना होगा साथ ही जितना ज्यादा हो सके एसी का कम इस्तेमाल करना चाहिए यह भी पर्यावरण के लिए घातक होता है।
  • सूर्य, पेड़ पौधा, धरती, जीव जंतु को प्रणाम करें उनका धन्यवाद करें। मंदिर में भगवान की पूजा करने से अच्छा है अपन धरती की, सूर्य की जीव जन्तुओं को प्रणाम करें उनका रोज धन्यवाद करें जिन्होंने पर्यावरण को संतुलित बनाया हुआ है और जिसमें आप चैन की सांस ले पा रहे हैं।  
  • ईंधन का करें बचत। जितना आपका काम हो उतना ही ईंधन की खपत करें। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ईंधन भी प्रकृति की ही देन है इसलिए जिनता हम ईंदन की बचत करेंगे उतना ही पर्यावरण के प्रति भी अपना योगदान देंगे। इसलिए जरूरत से ज्यादा ईंधन का इस्तेमाल ना करें।
  • पॉलीथिन को दूर से करें प्रणाम। पॉलीथिन के इस्तेमाल को आज से ही बिल्कुल खत्म कर दें। अगर कोई दूसरा भी आपके सामने पॉलीथिन का इस्तेमाल कर रहा है तो उसे भी मना करें। पर्यावरण का सबसे बड़ा दुश्मन आज अगर कुछ है तो वह है प्लास्टिक या पॉलीथिन। 

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