Chenab Railway Bridge: जम्मू-श्रीनगर रेल रूट के निर्माण में एक नया अध्याय जुड़ गया है। जब रेलवे के इंजीनियरों में चिनाब ब्रिज के आखिरी गोल्डन जॉइंट को जोड़कर मेहराब का काम पूरा किया। इसके साथ ही अब अपर डेक के ऊपर रेल पटरी डालने का काम शुरू कर दिया जाएगा, जिसे नवंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
चिनाब ब्रिज में क्या है खास
जम्मू कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों में रेल कनेक्टिविटी से जोड़ने के क्रम में कटरा से बनिहाल के करीब 110 किलोमीटर में रियासी जिले में ये चिनाब नदी के ऊपर इस पुल का निर्माण किया जा रहा है। पुल की ऊंचाई की बात करें तो नदी के सतह से करीब 359 मीटर ऊंचा हैं, जो पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा और दिल्ली के कुतुब मीनार से 5 गुना ऊंचा है।
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पुल की कुल लंबाई 1315 मीटर है। इसके अलावा पुल की लाइफ 120 साल है। 100 किलोमीटर प्रति घंटा स्पीड की हवा झेलने के लिए इसका डिजाइन किया गया है। ये नदी के तल से 359 मीटर ऊपर है। मुख्य मेहराब की लंबाई 467 मीटर है। 17 स्पेन लगाए गए हैं। एक स्टील खंभे की अधिकतम ऊंचाई 130.85 मीटर है। वहीं सीमेंट कंक्रीट की अधिकतम ऊंचाई 49.343 मीटर है। टोटल स्टील फैब्रिकेशन 28660 मैट्रिक टन होने के साथ ब्लास्ट रोधी है। साथ ही 20 साल तक इसे पेंट की जरूरत नहीं होगी।
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कटरा से बनिहाल से सबसे कठिन रास्ता
जम्मू से श्रीनगर के बीच कनेक्टिविटी में जम्मू से कटरा और बनिहाल से बारामुला में बीच पहले से रेल चल रही है, लेकिन कटरा से बनिहाल के बीच 110 किलोमीटर का काम चल रहा है। इस पूरे प्रोजेक्ट का 95 फीसदी से ज्यादा का हिस्सा या तो सुरंग है या फिर छोटे बड़े ब्रिज। इसमें चिनाब ब्रिज और अंजी ब्रिज सबसे बड़ी बाधा थी। अकेले चिनाब ब्रिज का बजट 900 करोड़ रुपए के ऊपर जा चुका है। इस रूट के शुरू होने की डेडलाइन मौजूदा समय में 23 के अंत तक माना जा रहा है, लेकिन पुराने ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए पूरा हो जाए, इसकी गुंजाइश कम है। फिलहाल पुल का काम मार्च 23 तक पूरा करने का टारगेट रखा गया है।
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