नई दिल्ली : देश के जाने-माने साहित्यकार डॉ. नरेंद्र कोहली नहीं रहे। शनिवार शाम 6:40 बजे उनका निधन हो गया। कुछ दिनों पहले उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के सेंट स्टीफंस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हिंदी साहित्य में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें साल 2017 में पद्म अलंकरण से नवाजा गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रसिद्ध साहित्यकार नरेंद्र कोहली के निधन पर शोक जताते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना जताई। उन्होने ट्वीट कर कहा, 'सुप्रसिद्ध साहित्यकार नरेंद्र कोहली जी के निधन से अत्यंत दुख पहुंचा है। साहित्य में पौराणिक और ऐतिहासिक चरित्रों के जीवंत चित्रण के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर दिग्गज साहित्यकार डॉ. नरेंद्र कोहली के निधन पर शोक जताया।
डॉ. नरेंद्र कोहली हिंदी की गिनती हिन्दी के नामचीन साहित्यकारों में होती है। उन्होंने अभ्युदय, युद्ध, वासुदेव, अहल्या जैसी कई किताबें लिखीं, जो खूब पढ़ी व सराही गईं। वह हिंदी जगत में सबसे अधिक रॉयल्टी पाने वाले लेखक थे। उनके निधन पर साहित्यप्रेमियों में शोक की लहर है।
डॉ. कुमार विश्वास ने डॉ. नरेंद्र कोहली के साथ अपनी एक तस्वीर ट्विटर पर शेयर करते हुए उनके निधन पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने लिखा, 'रामकथा अभ्युदय सरीखे ग्रंथ से जन-मन में स्थान सुनिश्चित कर लेने वाले,मेरे प्रति अगाध स्नेह व आशीष रखने वाले वरिष्ठ साहित्यकार पद्मभूषण श्री नरेन्द्र कोहली जी कोरोना के कारण अपने आराध्य राघवेंद्र के साकेतघाम प्रस्थान कर गए। अभी तो श्रीराम जन्मभूमि के द्वार पर आपसे सत्संग हुआ था।'
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, लोकप्रिय गायिका मालिनी अवस्थी, कवि-गीतकार प्रसून जोशी सहित तमाम हस्तियों ने डॉ नरेंद्र कोहली के निधन पर शोक जताया है और कहा कि उनका जाना हिन्दी साहित्य के लिए एक युग के अंत जैसा है।
प्रख्यात साहित्यकार डॉ. नरेंद्र कोहली का जन्म 6 जनवरी, 1940 को अविभाजित भारत के सियालकोट में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है।
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