लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार सीएए के खिलाफ हिंसा करने वाले लोगों को बख्शने के मूड में नहीं है। दिसंबर महीने में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ स्थानीय प्रशासन ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। लखनऊ में शहर भर में 57 लोगों की तस्वीरों के साथ शहर में होर्डिंग्स लगाए गए हैं।
इन होर्डिंग्स में प्रदर्शनकारियों के नाम और पते भी दिए गए हैं। यूपी सरकार इन लोगों से 1 करोड़ 55 लाख 62 हजार 537 रुपए वसूलेगी। राजधानी में होर्डिंग्स चर्चा का विषय बन गया है। साथ ही यह कदम सीएए प्रदर्शनकारियों के खिलाफ योगी सरकार की एक सख्त नीति के रूप में भी देखा जा रहा है।
सरकार की इस कार्रवाई पर भाजपा उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन ने कहा कि योगी सरकार सार्वजनिक संपत्तियों का नुकसान बर्दाश्त नहीं करेगी। सरकार के इस कदम से हिंसा करने वाले लोगों के चेहरे से नकाब उतर गया है।
दिसंबर में यूपी में बड़े पैमाने पर हुई थी हिंसा
बता दें कि दिसंबर में संसद के दोनों सदनों में सीएबी के पारित होने के बाद देश के अन्य भागों सहित उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। यूपी में प्रदर्शनकारी गोरखपुर, लखनऊ, मेरठ, अलीगढ़ और बुलंदशहर में सड़कों पर निकले और कानून-व्यवस्था को चुनौती देते हुए हिंसक प्रदर्शन किए। सीएए विरोधी प्रदर्शन में अकेले यूपी में कम से कम 18 लोगों की जान गई। हालांकि यूपी सरकार का कहना है कि सीएए हिंसा में पुलिस की गोली से एक भी प्रदर्शनकारी की मौत नहीं हुई।
सीएम ने दी प्रदर्शनकारियों को सख्त हिदायत
सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाए जाने के बाद प्रदर्शनकारियों को सख्त हिदायत दी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को पहुंचे नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से की जाएगी। इसके बाद यूपी पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नोटिस जारी करना शुरू किया।
योगी ने पुलिस की तारीफ की
विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दिल्ली में सीएए के खिलाफ हिंसा हुई लेकिन प्रशासन एवं पुलिस ने इस हिंसा की आंच यूपी में नहीं आने दी। इसके लिए पुलिस की तारीफ होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि सीएए के खिलाफ हिंसा में जिन उपद्रवियों की जान गई उनकी मौत पुलिस की फायरिंग में नहीं हुई। सीएम ने कहा कि 'जो यहां मरने के लिए आ रहा है, उसे कौन बचा सकता है।' हालांकि, उनके इस बयान की विपक्ष ने आलोचना भी की।
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