नई दिल्ली: दिल्ली में हुई हिंसा में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है। हालात को संभालने के लिए केंद्र के शीर्ष अधिकारियों को सड़क पर उतरना पड़ा। फिलहाल अब हालात शांत होते दिख रहे हैं। इन संकट के हालात में एक चेहरा जो हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करता हुआ दिखा वो था एनएसए अजीत डोभाल का चेहरा। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के निर्देश पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल दिल्ली की सड़कों पर निकले और लोगों को भरोसा दिया कि वह इस संकट की घड़ी में उनके साथ हैं।
डोभाल को कमान
सोमवार रात को नागरिकता कानून के खिलाफ भड़की हिंसा से दिल्ली के भजनपुरा, मौजपुर, जाफराबाद, ब्रह्मपुरी, गोकुलपुरी में जबरदस्त हिंसा भड़की और मंगलवार को यह और उग्र हो गई। खबरों के मुताबिक हालात को बेकाबू होता देख खुद प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने कमान अपने हाथ में ली। काफी लंबी बातचीत के बात नतीजा निकला की अजीत डोभाल को जिम्मेदारी दी जाए। डोभाल हालात पर करीब से नजर बनाए हुए थे और इस संबंध में उनकी पीएम मोदी से भी चर्चा हो चुकी थी।
कई इलाकों का किया दौरा
इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह दिल्ली के मुख्यमंत्री और पुलिस तथा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर चुके थे। अमेरिकी राष्ट्रपति का भारत दौरा खत्म होने के बाद भी जब हिंसा नहीं रूकी तो डोभाल को मैदान में उतारा गया। इसके बाद उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ ना केवल बैठक की बल्कि तीन बार हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों को विश्वास में लेने की कोशिश भी की।
इंशाल्लाह यहां बिल्कुल अमन होगा
उत्तर पूर्वी दिल्ली की सड़कों पर जब डोभाल लोगों से बात कर रहे थे तो वो लगातार यह भरोसा दे रहे थे कि आगे ऐसा नहीं होगा। उनका एक वीडियो सामने आया जिसमें डोभाल कह रहे हैं, 'जो कुछ हो गया वह हो गया। पूरा यकीन है कि अब यहां पर शांति होगी। हम प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के हुक्म की तामील करने यहां आए हैं। इंशाल्लाह यहां बिल्कुल अमन होगा। पुलिस अलर्ट है। इंतजामिया की जिम्मेदारी है कि हर एक को महफूज रखे और सलामती की जिम्मेदारी ले।'
पहले भी संभाल चुके हैं कमान
बिल्कुल मंगलवार रात डोभाल उत्तर पूर्वी दिल्ली के डीसीपी दफ्तर पहुंचे थे। बदला-बदला नजर आया। इसके बाद हालात को काबू में पाने के लिए कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया। फिर हिंसाग्रस्त इलाकों में सुरक्षाबलों की संख्या में ना केवल बढ़ोत्तरी देखी गई बल्कि हिंसा में भी कमी देखी गई। यह पहला मौका नहीं है जब डोभाल इस तरह सड़कों पर उतरे हों, इससे पहले जब कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म हुआ था तो तब भी वह घाटी की सड़कों पर दिखे थे। तब वहां हालात सामान्य नहीं थे और इस दौरान डोभाल आम लोगों से मिलते हुए नजर आए और उन्हें भरोसा दिलाया कि इससे उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा।
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