नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक इंटरव्यू में कहा है कि इस देश के युवाओं को अवसर दिए जाने की जरूरत है, न कि मदद, क्योंकि अवसर जहां युवाओं के आत्मनिर्भर बनने का मार्ग प्रशस्त करते हैं, वहीं उन्हें दी जाने वाली मदद उन्हें किसी न किसी पर आश्रित बनाती है। उन्होंने यह जरूर कहा कि युवाओं को हर वो सहयोग दिया जाना चाहिए, जो सम्मान के साथ उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उन्हें आत्मनिर्भर बनाएं। पीएम मोदी ने इस इंटरव्यू के दौरान कोविड-19 सहित कई मुद्दे पर बात की तो कांग्रेस की अगुवाई वाली अपनी पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना भी साधा।
'ओपन' मैग्जीन को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि बीते कुछ महीनों में उन्होंने ओलंपिक और पैरालंपिक के खिलाड़ियों से मुलाकात व बातचीत की। टोक्यो 2020 अब तक भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। स्वाभाविक रूप से कई एथलीट ऐसे थे जिन्होंने पदक नहीं जीते और जब प्रधानमंत्री की उनसे मुलाकात हुई तो उन्होंने पदक न जीतने को लेकर निराशा भी जताई, लेकिन हर किसी ने उनके प्रशिक्षण, सुविधाओं और उम्दा प्रदर्शन में अन्य प्रकार की सहायता को लेकर किए गए प्रयासों की सराहना की। पीएम मोदी ने कहा, 'मैंने मन ही मन सोचा...देखो हम कितनी दूर आ गए हैं। पहले हमारे खिलाड़ी सुविधाओं, समर्थन आदि की कमी की चिंता किया करते थे, लेकिन अब उनका पूरा ध्यान मेडल जीतने पर है। यह परिवर्तन संतोषजनक है।'
पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है, जहां उनके कार्यकाल में मौलिक स्तर पर सुधारों को अंजाम नहीं दिया गया। पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र में रहते हुए उनकी सरकार ने ऐसा वातावरण तैयार किया कि राज्य सरकारों को भी सुधारों को लागू करने में किसी तरह की परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि हमारा देश अभी विकसित नहीं हुआ है, हम अब भी गरीबी से जूझ रहे हैं। समाज में हर व्यक्ति को उसकी योग्यता व आवश्यकता के अनुसार, अवसर मिलने चाहिए। तभी विकास संभव होगा। यह सरकार 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय' के दर्शन में यकीन रखती है।
कांग्रेस की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती सरकारों के खिलाफ हमलावर पीएम मोदी ने कहा कि हमारे राजनीतिक वर्ग के एक धड़े की समस्या रही है कि उन्होंने राजनीति को केवल 'राजशक्ति' के नजरिये से देखा, 'जनशक्ति' के नजरिये से नहीं। सरकारें इस हिसाब से चलाई जाती थीं कि वे फिर सत्ता में आ सकें, न कि जनशक्ति को ताकतवर बनाने के इरादे से। सभी सरकारें 'कांग्रेस गोत्र' से आने वाले व्यक्ति के नेतृत्व में गठित की जाती थीं और इसलिए अब तक उनकी राजनीतिक व आर्थिक सोच को लेकर कोई अंतर देखने को नहीं मिला, जबकि अब स्थिति अलग है।
पीएम मोदी ने कहा कि वह जब सत्ता में आए तो उन्होंने इस देश की जनता से तीन वादे किए:
कोविड-19 को 'वैश्विक संकट' करार देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसे लेकर विपक्ष ने खूब नकारात्मक अभियान चलाए, इसके बावजूद इस महामारी से भारत कई देशों के मुकाबले कहीं अधिक बेहतरी से लड़ा। कोविड ने एक बार फिर बता दिया कि भारत में एकजुट होने और आवश्यकता के वक्त उठ खड़े होने की अद्भुत क्षमता है। उन्होंने कोविड-19 वैक्सीनेशन का भी जिक्र किया और कहा कि यह भारत के आत्मनिर्भर होने का ही परिणाम है। अपने इंटरव्यू के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि युवावस्था के दिनों से ही उनका रूझान आध्यात्मिकता की ओर रहा है और यह भावना उन्हें हमेशा प्रेरित करती रही कि 'जन सेवा ही प्रभु सेवा है।'
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया की नजरों में प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री बनना बहुत बड़ी चीज हो सकती है, लेकिन उनकी नजरों में ये ऐसे रास्ते हैं, जहां होते हुए आप लोगों के लिए कुछ कर सकते हैं। पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर और आज देश के प्रधानमंत्री के तौर पर वह यही कर रहे हैं।
यहां उल्लेखनीय है कि गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने 2001 में सत्ता संभाली थी और फिर 2014 में वह देश के प्रधानमंत्री बने। 2019 के आम चुनाव में उन्होंने एक बार फिर शानदार जीत के साथ केंद्र की सत्ता में वापसी की और इस तरह साल 2021 में उनके सत्ता में रहने के 20 वर्ष पूरे हो चुके हैं।
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