नई दिल्ली: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले जननायक जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार तेजबहादुर यादव ने घोषणा की है कि वो जेजेपी से इस्तीफा देते हैं, क्योंकि उनकी पार्टी बीजेपी के साथ गठबंधन कर रही है। जवानों को खराब भोजन की शिकायत के बाद तेज बहादुर यादव को बीएसएफ ने बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद वो राजनीति में आ गए।
तेजबहादुर दुष्यंत चौटाला की उपस्थिति में विधानसभा चुनाव से पहले सितंबर में जेजेपी में शामिल हुए और करनाल से खट्टर के खिलाफ चुनाव लड़ा। करनाल में तेजबहादुर तीसरे नंबर पर रहे।
शुक्रवार को बीजेपी के साथ जेजेपी के गठबंधन की घोषणा के बाद तेज बहादुर ने एक वीडियो जारी अपने फैसले की घोषणा की। उन्होंने कहा, 'बीजेपी को हरियाणा की जनता ने नकार दिया था। बीजेपी को निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन दे दिया था। लेकिन दुष्यंत चौटाला खुद जाकर उनको समर्थन देते हैं। ये हरियाणा के साथ धोखा है। मैं जेजेपी में था, अब में इस्तीफा देता हूं। अपने समर्थकों से कहता हूं कि वो जेजेपी का विरोध करें।'
उन्होंने कहा, 'मुझे बीच-बीच में लगा कि जेजेपी बीजेपी की B टीम है। उन्होंने करनाल में ये साबित किया। करनाल में जेजेपी कार्यकर्ताओं ने मेरे खिलाफ वोट डलवाए। मुझे कोई एजेंट तक नहीं दिया। मैं 4 दिन झांसी जेल में बंद रहा तो किसी ने ये जानने की भी कोशिश नहीं कि हमारा कैंडिडेट कहा है। ये हरियाणा के साथ धोखा हुआ है। हम आंदोलन करेंगे।'
90 सीटों वाले हरियाणा में विधानसभा चुनाव में किसी को बहुमत नहीं मिला। 40 सीटें जीतने वाली बीजेपी को 10 सीटों वाली जेजेपी का समर्थन मिल गया है और दोनों दल सरकार बनाएंगे।
इससे पहले तेजबहादुर ने लोकसभा चुनाव में वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया था। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल भरा, लेकिन बाद में समाजवादी पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया। हालांकि उनका नामांकन रद्द हो गया और वो चुनाव नहीं लड़ पाए।
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