नई दिल्ली। महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार अब अपने चरम पर पहुंच चुका है। नेता एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। बीजेपी-शिवसेना गठबंधन एक तरफ लोगों से कह रही है कि राज्य के विकास के लिए सिर्फ और सिर्फ उनका गठबंधन बेहतर ढंग से काम कर सकता है। ये बात अलग है कि विपक्षी दल सरकार की खामियों को गिना रहे हैं।
एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने तीन तलाक के मुद्दे पर अपना राग छेड़ा। उन्होंने कहा कि अगर पीएम नरेंद्र मोदी यह सोचते हैं कि तीन तलाक कानून से मुस्लिम महिलाओं का भला होने वाला है तो उनकी सोच गलत है। इस कानून से कुछ भी बदलने वाला नहीं है। अगर वास्तव में वो मुस्लिम महिलाओं की बेहतरी के लिए फिक्रमंद हैं तो उन्हें आरक्षण पर विचार करना चाहिए। जिस तरह से मराठाओं को आरक्षण दिया गया है ठीक उसी तर्ज पर मुस्लिम महिलाओं को भी आरक्षण मिलना चाहिए।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों के नाम पर इस देश में कांग्रेस और बीजेपी दोनों राजनीति करती रही हैं। अगर ध्यान से देखा जाए तो ये दोनों दल सिर्फ वादे करते रहे हैं जमीनी स्तर पर बदलाव नहीं देखने को मिला है। एक तरफ मुसलमानों के नाम पर तरह तरह की योजनाओं का ऐलान किया जाता है। लेकिन व्यवहारिक तौर पर कुछ भी बदलाव नहीं हुआ है।
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