कर्नाटक में भी ज्ञानवापी जैसा विवाद, मस्जिद के नीचे मंदिर मिलने का दावा; VHP ने की पूजा अर्चना

देश
किशोर जोशी
Updated May 25, 2022 | 11:11 IST

ज्ञानवापी विवाद के बीच अब कर्नाटक के मेंगलुरु में बड़ा विवाद शुरू हो गया है। मेंगलुरु की पुरानी मस्जिद के नीचे कथित तौर पर हिंदू मंदिर जैसा डिजाइन मिनले का दावा किया जा रहा है।

A Hindu temple like architectural design was purportedly found underneath the Masjid at Mangaluru in Karnataka
पुलिस ने मस्जिद के आसपास कड़ी की सुरक्षा व्यवस्था 
मुख्य बातें
  • मंगलुरु की मस्जिद में ज्ञानवापी जैसा दावा, टीपू सुल्तान के जमाने की मस्जिद पर दावा
  • हिंदु संगठनों ने की मंगलुरु की मस्जिद में पूजा करने की मांग
  • पुलिस ने मस्जिद के आसपास कड़ी की सुरक्षा व्यवस्था

बेंगलुरु: कर्नाटक के मेंगलुरु में मस्जिद पर ज्ञानवापी जैसा विवाद शुरु हो गया है। मेंगलुरु में टीपू सुल्तान की मस्जिद में मंदिर होने का दावा किया जा रहा है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने इस मस्जिद में पूजा की है। कथित तौर पर 21 अप्रैल को मस्जिद के नीचे एक हिंदू मंदिर जैसा वास्तुशिल्प डिजाइन पाया गया था। जुमे की नमाज को देखते हुए पुलिस ने 26 मई की सुबह 8 बजे तक जुमा मस्जिद के नमाज स्थल से 500 मीटर के दायरे में धारा 144 के तहत पुलिस की तैनाती की गई है।

विहिप और बजरंग दल द्वारा मलाली में श्री रामंजनेय भजन मंदिर में 'तंबुला प्रश्न' करने पर कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा, 'जिला प्रशासन हर चीज पर नजर रखे हुए है। क्षेत्र में (मस्जिद के पास) धारा 144 लागू है।'

पुलिस उपायुक्त ने कही ये बात

दक्षिण कन्नड़ के उपायुक्त राजेंद्र केवी ने कहा, 'मुझे इस मुद्दे के बारे में क्षेत्र के अधिकारियों और पुलिस विभाग से जानकारी मिली है। जिला प्रशासन पुराने भूमि अभिलेखों और स्वामित्व विवरण के संबंध में प्रविष्टियों को देख रहा है। हम बंदोबस्ती विभाग और वक्फ बोर्ड दोनों से रिपोर्ट लेंगे। हम दावों की वैधता की जांच करेंगे और बहुत जल्द उचित निर्णय लेंगे। तब तक मैंने यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है।'

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श्रीराम सेना का दावा

आपको बता दें कि कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा धर्मांतरण रोधी अध्यादेश को मंजूरी देने के बाद दक्षिणपंथी समूह श्रीराम सेना ने बुधवार को कहा कि वह उन जगहों की सूची तैयार कर रहा है, जिनके बारे में उसका दावा है कि वे उपासना के अवैध स्थान हैं। प्रमोद मुतालिक ने कहा, ‘हमने अब तक चार जिलों में मकानों, विवाह भवनों और सामुदायिक भवनों में संचालित लगभग 500 ऐसे उपासना स्थलों की सूची तैयार की है जबकि अन्य जिलों में काम चल रहा है। हम इस महीने के अंत तक सरकार को यह सूची सौंप देंगे।’

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