हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में लैंडस्लाइड; 10 की मौत-13 को बचाया, मलबे के नीचे नहीं मिली बस-बोलेरो और यात्री

देश
किशोर जोशी
Updated Aug 11, 2021 | 23:42 IST

Himachal Pradesh Landslide: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में हुए भूस्खलन में एक बस और अन्य वाहनों के चपेट में आ जाने से 10 लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है।

A landslide reported on Reckong Peo Shimla Highway in Kinnaur District in Himachal Pradesh today
हिमाचल:किन्नौर में लैंडस्लाइड से बड़ा हादसा, कई गाड़ियां दबी  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में लैंडस्लाइड के बाद बड़ा हादसा
  • भूस्खलन होने से 50-60 लोग मलबे के नीचे दबे
  • बचाव और राहत अभियान चला, कई वाहनों के दबे होने की भी आशंका

शिमला: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बुधवार को भूस्खलन (Kinnaur Landslide News) होने से एक बड़ा हादसा हो गया। इस लैंडस्लाइड की चपेट में 50-60 से अधिक लोगों के आने की आशंका है। खबर के मुताबिक हिमाचल प्रदेश सड़क परिवहन की बस समेत अनेक वाहन भूस्खलन के मलबे में दब गए। बस में 40 से अधिक यात्री सवार थे। बस किन्नौर के रेकॉन्ग प्यो से शिमला जा रही थी। इसके अलावा और भी वाहनों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है। हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने टाइम्स नाउ नवभारत से बात करते हुए कहा कि मलबे में 50 से 60 लोग मलबे में दबे होने की जानकारी मिली है।

अभी तक 13 लोगों को बचाया गया है। 10 की मौत की खबर है। ITBP ने कहा, 'हिमाचल प्रदेश के किन्नौर के नुगुलसारी इलाके में भूस्खलन स्थल से कुल 10 शव बरामद किए गए हैं। अब तक 13 लोगों को बचा लिया गया है। सड़क साफ करने के बाद यात्रियों और बस के मलबे में फंसे होने का कोई निशान नहीं मिला है। ITBP की टीमें बस को खोजने के लिए कई दिशाओं से नदी (जो भूस्खलन स्थल के पास बहती हैं) की ओर गई हैं।'

राज्य सरकार ने बताया कि 13 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है और 10 अन्य की मौत हो गई है। एक बस, एक बोलेरो और उसके यात्री मलबे के नीचे नहीं मिले हैं और अभी भी उनका पता नहीं चल सका है। बचाव अभियान आज के लिए स्थगित कर दिया गया है और कल सुबह फिर से शुरू होगा।

PMO ने किया मदद का ऐलान

हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'किन्नौर में भूस्खलन की घटना अत्यंत दुखद है। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उन लोगों के परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपनी जान गंवाई। घायलों को जल्द से जल्द ठीक किया जाए। बचाव कार्य जारी है और फंसे हुए लोगों की मदद के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है।' वहीं पीएमओ ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन के कारण जान गंवाने वालों के परिजनों को PMNRF से 2-2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। घायलों को 50000 रुपए दिए जाएंगे। 

मुख्यमंत्री ने कही ये बात

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने टाइम्स नाउ नवभारत से बात करते हुए कहा, 'हमारी रेस्क्यू टीम वहां टीम वहां पर पहुंची है। मुश्किल हमें एक चीज की आ रही है वो ये है कि वहां अभी भी उपर से पत्थर गिर रहे हैं। चार लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। वहां पहुंचने में कठिनाई हो रही है। पूरा पहाड़ ऊपर से आया है। एक बस और ट्रक के दबे होने के साथ छोटी गाड़ियों के भी दबे होने की बात सामने आ रही है। गृह मंत्री अमित शाह का कॉल आया था उन्होंने जानकारी ली है, हर मदद का वादा किया है। कितने लोग दबे हो सकते हैं इसकी सही संख्या अभी नहीं सामने आई है  लेकिन 50-60 लोगों के दबे होने की आशंका है।'

पीएम और गृह मंत्री ने ली हालात की जानकारी

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट करते हुए कहा, 'पीएम नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमत्री जयराम ठाकुर से बात कर किन्नौर में हुए भूस्खलन के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने वहां चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर हरसंभव मदद का भरोसा दिया।' वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करते हुए कहा, 'हिमाचल के किन्नौर में भूस्खलन से हुए हादसे के संबंध में मैंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी व DG ITBP से बात की है। आटीबीपी की टीमें राहत व बचाव कार्य में पूरी तत्परता से लगी हैं। लोगों की जान बचाना व घायलों को शीघ्र उपचार देना ITBP व स्थानीय प्रशासन की प्राथमिकता है।'

कई वाहन दबे

स्थानीय पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार एनएच 5 पर निगुलसारी के पास लगभग 12:15 बजे बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ और एक हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम की बस और 03 और वाहन इसमें फंस गए। सूचना मिलने पर एक बचाव दल और डॉक्टरों का दल घटनास्थल के लिए रवाना किया गया। लगातार भूस्खलन के कारण बचाव शुरू नहीं किया जा सका। किन्नौर के उपायुक्त ने बताया कि सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और स्थानीय बचाव दलों को बचाव कार्य के लिए बुलाया गया। सादिक ने बताया कि पत्थर अब भी गिर रहे हैं जिससे बचाव अभियान में कठिनाई आ रही है।

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