नई दिल्ली। कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसान संगठन दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं। किसानों का कहना है कि उनकी तो सिर्फ एक ही मांग है कि इन काले कानूनों को खत्म किया जाए। अगर केंद्र सरकार कानूनों को नहीं खारिज करेगी तो आंदोलन जारी रहेगा। इन सबके बीच आल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन समिकि के सरदार वी एम सिंह का कहना है कि रविवार को दिल्ली- यूपी बार्डर पर प्रशासन से ट्रैक्टरों की आवाजाही के संबंध में चर्चा होगी। अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वो दोनों तरफ की सड़कों को बंद कर देंगे।
अड़े हुए हैं किसान संगठन
किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार एक तरफ कहती है कि वो किसानों के लिए हमदर्द है तो दूसरी तरफ अन्नदाताओं के पेट पर लात मार रही है। किसान तो सिर्फ एक बात कहना चाहते हैं कि अगर सरकार की नीयत साफ है तो इस कानून को वापस लेने में परहेज ही क्या है। मंडी समितियों और एमएसपी के मुद्दे पर सरकार की नीयत में खोट है। बातों से आखिर क्या होता है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि अनौपचारिक तौर पर बातचीत जारी है और उम्मीद है कि वर्ष के अंत तक कोई नतीजा निकलेगा।
एमएएसपी और मंडी समिति कभी खत्म नहीं होगी
बता दें कि शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के किसानों के साथ साथ देश को एमएसपी की गणित समझाई और कहा कि जिस कानून के विरोध में विपक्ष राग अलाप रहा है वो किसी एक सरकार की देन नहीं है। सभी सरकारों के कार्यकाल में इस विषय पर काम हुआ। दरअसल विपक्ष के पास बौद्धिक जुगाली के अलावा कुछ बचा नहीं है लिहाजा उनकी तरफ से विरोध हो रहा है। वो खुद संसद के बाहर और अंदर इस बात को दोहरा चुके हैं कि एमएसपी और मंडी समिति किसी भी दशा में खत्म नहीं की जाएगी।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।