नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रविवार को आतंकवाद निरोधी दस्ता (ATS) द्वारा दो आतंकियों को गिरफ्तार करने के मामले में सियासत शुरू हो गई है। राज्य के प्रमुख विपक्षी दलों ने कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। सबसे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उन्हें राज्य की पुलिस और भाजपा सरकार की कार्रवाई पर भरोसा नहीं है। अब बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने भी सवाल उठाया है।
यूपी में आतंकवादियों की गिरफ्तारी पर टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर सपा प्रमुख ने कहा, 'मैं उत्तर प्रदेश पुलिस और राज्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के कार्यों पर भरोसा नहीं कर सकता।'
वहीं मायावती ने ट्वीट कर कहा, 'यूपी पुलिस का लखनऊ में आतंकी साजिश का भण्डाफोड़ करने व इस मामले में गिरफ्तार दो लोगों के तार अलकायदा से जुड़े होने का दावा अगर सही है तो यह गंभीर मामला है और उचित कार्रवाई होनी चाहिए वरना इसकी आड़ में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए जिसकी आशंका व्यक्त की जा रही है। यूपी विधानसभा आमचुनाव के करीब आने पर ही इस प्रकार की कार्रवाई लोगों के मन में संदेह पैदा करती है। अगर इस कार्रवाई के पीछे सच्चाई है तो पुलिस इतने दिनों तक क्यों बेखबर रही? यह वह सवाल है जो लोग पूछ रहे हैं। अतः सरकार ऐसी कोई कार्रवाई न करे जिससे जनता में बेचैनी और बढ़े।'
गिरफ्तार आतंकियों पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि वे उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर मानव बमों का उपयोग करने सहित विस्फोट की योजना बना रहे थे। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, उत्तर प्रदेश, प्रशांत कुमार ने कहा, 'एटीएस उत्तर प्रदेश ने एक आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया और अल-कायदा के भारतीय उपमहाद्वीप मॉड्यूल के दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। एक को काकोरी थाने से, जबकि दूसरे को मरिआहू थाने से गिरफ्तार किया गया है।' उन्होंने यह भी कहा कि इस मॉड्यूल के सदस्य न केवल लखनऊ से बल्कि कानपुर से भी हैं। एडीजीपी ने कहा था कि आतंकवादियों के साथियों को पकड़ने के लिए अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की जा रही है।
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