नई दिल्ली : AMU प्रदर्शन के मास्टरमाइंड और पूर्व जेएनयू स्टूडेंट शरजील इमाम ने एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मुस्लिमों की संख्या इतनी बड़ी है कि वे पूर्वोत्तर को शेष भारत से बाहर कर सकते हैं। काफी दिनों पहले एएमयू में प्रदर्शन के दौरान उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य असम और पर्वोत्तर को भारत से अलग करना है।
इस दौरान उन्होंने बड़ी संख्या में लोगों से इस प्रदर्शन में शामिल होने को कहा है साथ ही रेलवे ट्रैक और सड़क जाम करने में सहयोग करने की अपील की है। इमाम ने कहा कि अगर हम सभी एक साथ आते हैं तो हम पूर्वोत्तर को भारत से अलग कर सकते हैं। अगर स्थायी तौर पर नहीं तो कम से कम एक दो महीने के लिए हम ऐसा कर सकते हैं।
इन सभी को खदेड़ने में प्रशासन को कम से कम एक महीने का समय लगेगा। ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम असम को भारत से अलग कर दें। अगर ऐसा हो जाएगा तभी केंद्र सरकार हमारी सुनेगी। शुक्रवार को शेयर किए एक फेसबुक पोस्ट में इमाम ने स्पष्ट करते हुए कहा कि शाहीन बाग प्रदर्शन का एकमात्र लक्ष्य है चक्का जाम इसके बाद बाकी सभी दूसरी चीजें दूसरे नंबर पर है।
लोगों को चक्का जाम और धरना प्रदर्शन में फर्क समझना होगा। हर शहर में धरना प्रदर्शन शुरू करो और लोगों को चक्का जाम के बारे में बताओ। इसके बाद पूरी तैयारी के साथ हाईवे पर धरना प्रदर्शन शुरू करो। भारत और चीन के बीच डोकलाम में जो कुछ हुआ वह बीजिंग की रणनीति थी चिकेन नेक (सिलिगुड़ी कॉरीडोर पर नियंत्रण कर) पूर्वोत्तर को भारत से अलग-थलग करने की। इमाम ने इसी रणनीति को लागू करने की बात कही।
असम के मंत्री का पलटवार
असम के मंत्री हेमंत बिस्व शर्मा ने इस पर पलटवार करते हुए कहा है कि शाहीन बाग प्रदर्शन के मुख्य आयोजनकर्ता शरजील के बयान पर राज्य सरकार ने संज्ञान लिया है। उनके इस बयान के देशद्रोही बयान की तरह देखा जा रहा है और हमने उनके खिलाफ केस दर्ज करने का फैसला किया है।
इस बीच बता दें कि कई महिलाओं ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए लगातार 24 घंटे से धरने प्रदर्शन पर बैठी हैं और वे अब इसे 48 घंटे तक पूरा करने की सोच रहे हैं।
शुक्रवार को हैदराबाद में भी महिलाओं के एक समूह ने सीएए व एनआरसी के खिलाफ शाहीन बाग की तरह धरना प्रदर्शन शुरू करने जा रही थी लेकिन हैदराबाद की पुलिस ने उनके मकसद पर पानी फेर दिया।
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