Ansar Delhi Violence : दिल्ली के जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को हुई हिंसा पर बड़ा खुलासा हुआ है। हनुमान जयंती के दिन हुई हिंसा में जिस अंसार को अब तक मास्टरमाइंड माना जा रहा था। असल में वो तो मोहरा निकला...उसने किसी और के इशारे पर इस हिंसा को अंजाम दिया। जांच में जो बात सामने आ रही है उसके मुताबिक अंसार को कोई और हिंसा भड़काने के लिए आदेश दे रहा था और उसी के कहने पर अंसार ने लोकल बदमाशों से संपर्क साधा और फिर जहांगीरपुरी को दहलाने की साजिश को अमलीजामा पहनाया गया।
पुलिस की जांच में 30 मोबाइल नंबर ऐसे निकल कर आए हैं जो उस हिंसा वाले इलाके में सक्रिय थे और अंसार समेत दिलशाद और सलीम से संपर्क साध रहे थे। जांच में जो चौंकाने वाली बात सामने आई है वो ये कि जहांगीरपुरी को दहलाने की साजिश कहीं और रची गई और अंसार को मोहरा बनाकर उसे अंजाम दिया गया। पुलिस अंसार से जारी पूछताछ के आधार पर उस साजिशकर्ता तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
इस बीच हिंसा के मामले में हर दिन खुलासे हो रहे हैं। लेकिन आज TIMES NOW नवभारत ने इस हिंसा से जुड़े कुछ ऐसे खुलासे किए हैं जिसमें वो चाचा और मामा बेनकाब हो रहे हैं, जो उस दिन पत्थर फेंक रहे थे और जहांगीरपुरी को अशांति की आग में झोंक रहे थे। जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के दिन क्या हुआ था। उसका एक-एक सच..अब हर एक घंटे सामने आ रहा है। कभी किसी चौराहे का वीडियो...कभी किसी चौक का वीडियो...कभी किसी मोहल्ले का वीडियो...कभी किसी छत से लिया हुआ वीडियो..और हर वीडियो की एक ही कहानी। जहांगीरपुरी में सदभाव की डोर कितनी जोर से टूटी थी।
हल्ला, हंगामा, एक-दूसरे को मार डालने की सनक, इससे पैदा हुआ खौफ। 2 मिनट 15 सेकंड के इस वीडियो में घंटों की बर्बादी और साजिश की पूरी कहानी छिपी है। वीडियो का एक-एक फ्रेम ये बताने के लिए काफी है कि..हिंसा यूं ही तो नहीं भड़की..इसकी तैयारी बड़ी थी..और पहले से थी। मोबाइल कैमरे से इस वीडियो को किसी के छत से शूट किया है। बच्चे को अफसोस है लेकिन उसके अफसोस की परवाह किसी को नहीं। ना तो उसके मोहल्ले वालों को ना ही आस-पड़ोस वालों को..ना ही उसके मामा को। रोजे के इस पाक महीने में ऐसी तस्वीर तो जहांगीरपुरी ने पहले कभी नहीं देखी होगी।
जहांगीरपुरी हिंसा: मुख्य आरोपी अंसार से हुई पूछताछ, किए कई बड़े खुलासे
सड़क पर हाथों में डंडे लिए लोग, पत्थर लेकर भागते लोग, लाठी भांजते हुए लोग..लग रहा था हर किसी के सिर पर खून सवार था। एक-दूसरे को मारने पर आमादा थे। ना कानून का डर ..ना पुलिस का डर । बाकी खिड़की से वीडियो बनाते बच्चे, उसकी अम्मा, खुद में घुट रहे हैं, अफसोस में चिल्ला रहे हैं..लेकिन सुनेगा कौन। हनुमान जयंती के दिन जहांगीरपुरी में सब बेकाबू हो चला था..इस वीडियो ने तो पूरी हिंसा का सच ही सामने लाकर पटक दिया है। शोभायात्रा करने वाले रथ खींच रहे हैं। दूसरी तरफ से पत्थरबाजी हो रही है। कोई कांच का बोतल फेंक रहा है।
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