नई दिल्ली: अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का बहुप्रतीक्षित फैसला आ चुका है और तकरीबन सभी समुदायों और राजनीतिक दलों ने इस फैसले का स्वागत किया है और देश ने सांप्रदायिक सौहार्द की बेहतरीन मिसाल पेश की है। वहीं कुछ नेता ऐसे हैं जो इस फैसले को लेकर दबे सुर में असहमति जता रहे हैं।
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को तथ्यों पर आस्था की जीत करार देते हुए मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन दिए जाने के प्रस्ताव को खारिज करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि हमें दान के तौर पर 5 एकड़ भूमि की आवश्यकता नहीं है।
उच्चतम न्यायालय के फैसले से असंतुष्ट ओवैसी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय वस्तुत: सर्वोच्च है और अंतिम हैं, लेकिन उससे भी गलती हो सकती है। इस मामले पर अब केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रीयो ने ओवैसी पर तंज कसा है और उनकी तुलना विवादास्द इस्लामिक विचारक जाकिर नाइक से करते हुए कहा है कि ओवैसी जाकिर नाइक की भाषा बोल रहे हैं।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अपनी तौहीन बताते हुए ओवैसी बोले थे, 'मेरी कानूनी अधिकार है बाबरी मस्जिद। अगर मैं हिंदुस्तान के गरीब इलाके सीमांचल चले जाऊं और कहूं की मेरी पैसों की झोली भर दो क्योंकि मुझे उत्तर प्रदेश में पांच एकड़ जमीन खरीदकर उस पर मस्जिद बनानी है तो अल्लाह की कसम 48 घंटे में हमारी झोली भर जाएगी।
हमारी लड़ाई जमीन की नहीं थी, बल्कि जमीन देकर हमारी तौहीन की जा रही है। हमारी लड़ाई मस्जिद की थी। हमें भीख में नहीं चाहिए कोई भी चीज। हक है तो दो, हमें भिखारी समझकर मत दो। हम भिखारी नहीं कि जो तुम्हारे फेंके हुए टुकड़ों पर जिंदा रहेंगे।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।