मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई के शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की अनुमति के लिए शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट द्वारा दी गई याचिका को अनुमति दे दी। हाई कोर्ट ने पाया कि नगर परिषद ने याचिकाकर्ताओं के आवेदन पर निर्णय लेने में अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया। शिवसेना को तैयारियों के लिए 2-6 अक्टूबर के लिए जमीन दी जाएगी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की अनुमति मांगने वाली शिवसेना गुटों की याचिकाओं पर सुनवाई की। शिवसेना के एकनाथ शिंदे ने भी इजाजत मांगी थी।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना को मध्य मुंबई में स्थित शिवाजी पार्क में 5 अक्टूबर को वार्षिक दशहरा रैली के आयोजन की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति आर. डी. धनुका और न्यायमूर्ति कमल खाटा की खंडपीठ ने ठाकरे नीत शिवसेना गुट और उसके सचिव अनिल देसाई द्वारा बृहन्नमुंबई महानगरपालिका के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को अनुमति दे दी।
शिवसेना के अनिल परब ने कहा कि आज कोर्ट ने फैसला किया कि शिवाजी पार्क में शिवसेना की दशहरा रैली होगी। यह 1966 से हो रहा है। हमने शिवसेना का इतिहास हाईकोर्ट के सामने पेश किया। हाईकोर्ट ने बीएमसी द्वारा उठाए गए कानून और व्यवस्था की स्थिति को खारिज कर दिया। शिवसेना को 2-6 अक्टूबर तक रैली करने की अनुमति मिली। अनिल परब ने आगे कहा कि सदा सर्वंकर ने हाईकोर्ट के समक्ष एक हस्तक्षेप याचिका दायर कर इस बात पर आपत्ति मांगी कि कौन सा गुट असली शिवसेना है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह उनका (निर्णय लेने का) अधिकार नहीं है, बल्कि SC और ECI का है। यह पूछे जाने पर कि क्या शिंदे गुट SC में अपील करेगा। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में देखेंगे, वहां भी लड़ेंगे।
बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा शिवसेना के ठाकरे धड़े को मुंबई के शिवाजी पार्क में दशहरा रैली करने की अनुमति देने के बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया।
गौरतलब है कि बीएमसी ने शिवसेना को शिवाजी पार्क में वार्षिक दशहरा रैली करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। अदालत ने कहा कि बीएमसी का आदेश स्पष्ट रूप से कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। पीठ ने ठाकरे नीत शिवसेना को दो से छह अक्टूबर तक शिवाजी पार्क का उपयोग करने की अनुमति दी है, लेकिन साथ ही कानून-व्यवस्था बनाए रखने को कहा है।
बीएमसी ने 21 सितंबर को कहा था कि वह ठाकरे नीत पार्टी का आवेदन इसलिए खारिज कर रही है क्योंकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना के विद्रोही धड़े के विधायक सदा सारवंकर ने भी ऐसी ही अर्जी दी है और अगर एक धड़े को अनुमति दी जाती है तो इससे स्थानीय पुलिस के लिए कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो जाएगी।
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