नई दिल्ली: बदायूं गैंगरेप और हत्या मामले की पीड़िता के परिजनों से मिलने गई राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की सदस्य ने कहा है कि अगर महिला शाम को बाहर नहीं निकली होती तो इस घटना को टाला जा सकता था। बदायूं गैंगरेप पीड़िता के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए आयोग द्वारा एनसीडब्ल्यू की सदस्य चंद्रमुखी देवी को भेजा गया था।
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं बार-बार कहती हूं, कभी भी किसी के प्रभाव में महिला को समय-असमय नहीं पहुंचना चाहिए। सोचती हूं अगर शाम के समय महिला नहीं गई होती या घर का कोई बच्चा साथ होता तो शायद ऐसी घटना नहीं होती। लेकिन ये सुनियोजित था, उसे फोन कर बुलाया गया, फिर वो गई और इस तरह लौटी।'
इस बयान पर विवाद बढ़ता देख चंद्रमुखी को सफाई देनी पड़ी और उन्होंने कहा, 'मेरा बयान चलाया जा रहा है कि मैंने कहा है कि महिलाओं को बाहर नहीं निकलना चाहिए। मैंने बिल्कुल ये बात नहीं कही, लेकिन कहीं से भी ऐसा लग रहा है कि मैं ऐसा कहना चाहती हूं तो मैं अपने बयान को वापस लेती हूं। मैं इसकी समर्थक हूं कि महिलाओं कभी भी कहीं भी जाने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।'
इस बयान पर NCW की चीफ रेखा शर्मा ने कहा कि NCW ने हमेशा महिलाओं के लिए सार्वजनिक स्थानों पर समान अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी है। महिलाओं के लिए स्थानों को सुरक्षित बनाना राज्य और समाज का कर्तव्य है। यह उसका निजी विचार हो सकता है।
वहीं कांग्रेस ने इस पर कहा, 'राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्या का ये बयान न केवल घृणित है, बल्कि भाजपाई सत्ता की सोच के समकक्ष खड़ा नजर आता है। इनको एक पल उस कुर्सी पर बैठने का अधिकार नहीं है, जहां से महिला अधिकारों के संरक्षण और वकालत की उम्मीद की जाती है।'
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