नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ उत्तर प्रदेश में बवाल करने और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने पर योगी सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है। रामपुर प्रशासन ने प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में 28 लोगों को नोटिस जारी किया है। जबकि मुजफ्फरनगर इलाके में संपत्तियां को नुकसान पहुंचाने वालों की संपत्तियां जब्त की गई हैं। सीएए के खिलाफ यूपी में हुई हिंसा में एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। बिजनौर और लखनऊ में भी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को नोटिस भेजा गया है।
बता दें कि सीएए के खिलाफ मेरठ, बुलंदशहर, कानपुर, रामपुर, गोरखपुर सहित कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शनों में लोगों ने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया और वाहनों को आग लगाते हुए आगजनी की। इस उपद्रव के बाद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने स्पष्ट रूप से हिंसा भड़काने वाले लोगों को हिदायत दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान करने वाले लोगों की पहचान कर उनसे नुकसान की भरपाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते दिनों में सीसीटीवी फुटेज के जरिए हिंसा फैलाने और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों की पहचान की है। इन लोगों की तस्वीरें नाम के साथ सार्वजनिक की गईं और अब प्रशासन ने इन लोगों के खिलाफ 'पे बैक' नोटिस जारी किया है। जबकि मुजफ्फरनगर में कुछ लोगों की संपत्तियां जब्त की गई हैं। रामपुर में 28 लोगों को नोटिस जारी हुआ है। समझा जाता है कि आने वाले दिनों में अन्य जिलों में भी हिंसा करने वाले लोगों के खिलाफ नोटिस जारी होगा।
रामपुर के जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने टाइम्स नाउ से बातचीत में कहा, 'प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लोगों को नोटिस जारी किया है। प्रक्रिया के अनुसार प्रशासन ने लोगों को नोटिस जारी कर दिया है। संपत्तियां नष्ट करने का जिन पर आरोप है यदि उन्होंने एक सप्ताह के भीतर अपना जवाब नहीं दिया तो उनकी संपत्तियां जब्त करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।'
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