महाराष्ट्र में बदली सरकार या आयी बदले की सरकार ? जानें क्यों उठने लगे सवाल

महाराष्ट्र में अब एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस सरकार है। सत्ता संभालते ही कुछ बड़े फैसले किए गए हैं। कुछ लोगों का कहना है कि आगाज से ऐसा लग रहा है कि सरकार बदले की भावना से काम कर रही है।

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महाराष्ट्र में बदली सरकार या आयी बदले की सरकार ? 
मुख्य बातें
  • महाराष्ट्र में अब शिंदे- देवेंद्र फडणवीस की सरकार
  • आरे को लेकर बड़ा फैसला, मेट्रो कार शेड का रास्ता साफ
  • विरोधी दल लगा रहे हैं बदले की राजनीति का आरोप

महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी गेम बदलने के बाद बदले वाला गेम शुरू हो गया है। नई सरकार के बनते ही कई ऐसी घटनाएं हुई है, जिसे लेकर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है। एक तरफ सरकार बनी दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे के फैसले को पलट दिया गया। फिर कुछ घंटे बाद शरद पवार को एक पुराने मामले में इनकम टैक्स ने नोटिस भेज दिया। संजय राउत से लगातार ED की पूछताछ हो ही रही है। इन सबसे बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है किमहाराष्ट्र में ED की सरकार है। सरकार बनते ही पूर्व CM Uddhav Thackeray के लिए गए फैसलों को पलट दिया गया, NCP नेता Sharad Pawar को पुराने मामले में Income Tax का नोटिस मिला तो वहीं Sanjay Raut को फिर से करना पड़ा ED का सामना । 

कांग्रेस ने दागे सवाल
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने शुक्रवार को सवाल किया कि जब बृहस्पतिवार को एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी गयी तब क्यों राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे एवं ठाणे के कद्दावर शिवसेना नेता आनंद दीघे का नाम लेने दिया।प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंधे ने ट्वीट किया कि 2019 में जब महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को शपथ दिलायी गयी थी तब राज्यपाल ने कुछ मंत्रियों को विभिन्न नेताओं का नाम लेने पर पद एवं गोपनीयता की शपथ दोबारा लेने को कहा था।लोंधे परोक्ष रूप से तत्कालीन कांग्रेस नेता के सी पाड़ी का जिक्र कर रहे थे जिन्हें दोबारा शपथ लेने को कहा गया था क्योंकि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम लिया था एवं अपने मतदाताओं को धन्यवाद भी दिया था।कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया कि क्या राज्यपाल ने अपना रुख बदल लिया।

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चार जुलाई को सदन में शक्ति परीक्षण
महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार चार जुलाई को विधानसभा में शक्ति परीक्षण का सामना करेगी। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।अधिकारी ने कहा कि भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया। आवश्यकता पड़ने पर इस पद के लिये तीन जुलाई को चुनाव कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि तीन जुलाई को ही दो दिवसीय विशेष सत्र शुरू हो रहा है।कांग्रेस के नाना पटोले के पिछले साल फरवरी में इस्तीफा देने के बाद से यह पद खाली था। विधानभवन के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे चार जुलाई को सदन में विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे।

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