Ladakh Standoff: बड़ी पहल! फिंगर-8 से पीछे हटेगी PLA, 400 टैंक भी हटाएगी

सीमा विवाद एवं तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य कमांडर स्तर पर आठ दौर की वार्ता हो चुकी है। समझा जाता है कि तनाव कम करने की दिशा में यह सहमति लागातार बातचीत जारी रखने का परिणाम है।     

 China to withdraw to Finger 8, PLA tanks to retreat
लद्दाख में तनाव कम करने की दिशा में बड़ी पहल! फिंगर-8 से पीछे हटेगी PLA। -फाइल फोटो  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • गलवान घाटी में 15 जून की हिंसा के बाद भारत और चीन के रिश्तों में आई तल्खी
  • पूर्वी लद्दाख सहित एलएसी की कई जगहों पर आमने सामने हैं दोनों देशों की सेना
  • सीमा पर तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच लगातार बातचीत जारी है

नई दिल्ली : सीमा पर चीन के साथ जारी विवाद को कम करने की दिशा में बड़ी पहल हुई है। टाइम्स नाउ को मिली जानकारी के मुताबिक चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) पूर्वी लद्दाख में पैंगोग त्सो झील के उत्तरी हिस्से के समीप स्थित फिंगर 8 से पीछे हटने के लिए तैयार हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक फिंगर-8 को भारत अपना इलाका मानता आया है। अब इस जगह से चीन पीछे हटने के लिए तैयार हो गया है। सीमा विवाद एवं तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य कमांडर स्तर पर आठ दौर की वार्ता हो चुकी है। समझा जाता है कि तनाव कम करने की दिशा में यह सहमति लागातार बातचीत जारी रखने का परिणाम है।     

अप्रैल-मई 2021 तक प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद
समझा जाता है कि पूर्वी लद्दाख सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनाव को कम करने की प्रकिया बातचीत के जरिए अप्रैल-मई 2021 तक पूरी कर ली जाएगी। जानकारी के मुताबिक इस प्रक्रिया के तहत भारत और चीन सबसे पहले उन जगहों से अपनी सेना पीछे हटाएंगे जहां दोनों देश आमने-सामने हैं और जहां टकराव होने की आशंका ज्यादा बनी हुई है। इसके बाद चीन की सेना फिंगर-4 तक पीछे हटेगी। पीएलए तीन चरणों में पीछे लौटेगी और हर बार उसकी संख्या में 33 प्रतिशत की कटौती होगी। 

400 टैंक भी हटाएगी पीएलए
तनाव कम करने की प्रक्रिया में सबसे पहले पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी हिस्से स्थित स्पैंग्गुर के समीप से करीब 400 चीनी टैंक पहले हटेंगे। पूर्वी लद्दाख और स्पैंग्गुर गैप के पास चीनी सेना ने भारी संख्या में अपने टैंक्स एवं बख्तरबंद वाहनों को जमा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस पूरी प्रक्रिया को पूरा होने में काफी लंबा वक्त लग सकता है। उम्मीद है कि यह प्रक्रिया अप्रैल-मई 2021 तक पूरी होगी। रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि सीमा पर गतिरोध एवं तनाव कम करने के लिए बातचीत में आपसी सहमति बनी तो जरूर है लेकिन जमीन पर मौजूदा हालात में फिलहाल कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है। 

दोनों देशों के बीच जारी है वार्ता
बता दें कि गत 15 जून की रात गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ। इस टकराव में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए। इस घटना के बाद पूर्वी लद्दाख सहित एलएसी पर दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया। भारत और चीन ने एलएसी के पास बड़ी संख्या में अपनी सेना तैनात की है। हाालंकि, तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच राजनयिक एवं सैन्य स्तर पर लगातार बातचीत चल रही है।


 

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