कश्मीरी पंडितों के अच्छे दिन आने वाले हैं। कश्मीर से 31 साल पहले जिन कश्मीरी पंडितों को निकाल दिया गया था, आज उन्हीं कश्मीरी पंडितों के नाम से कॉलेज और कश्मीर की सड़कों का नाम रखा जा रहा है। उन कश्मीरी पंडितों के परिवार के लोग आज खुश हैं कि 1990 में जो घाव दिए गए थे उन पर 2021 में मरहम लगाया जा रहा है। श्रीनगर की जिन सड़कों पर कश्मीरी पंडितों का कत्लेआम हुआ, जान बचाने के लिए जिन सकड़ों से कश्मीरी पंडितों को कईं सौ किलोमीटर दूर जाना पड़ा। आज जम्मू-कश्मीर की उन्हीं सड़कों का नाम प्रमुख और प्रसिद्ध कश्मीरी पंडितों के नाम पर रखा जाएगा। जम्मू-कश्मीर में जो नाम आतंकवादियों की हिट लिस्ट में हुआ करते थे, उन्हीं नामों को आप कॉलेज के बोर्ड और सड़कों पर जल्द ही देखेंगे। सरकार ने इन नामों को बदलने का फैसला किया है, जिसकी EXCLUSIVE जानकारी टाइम्स नाउ नवभारत के पास है।
हैदरपुरा के गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज का नाम बदला, प्रोफेसर मोती लाल खेमू के नाम से जाना जाएगा डिग्री कॉलेज। पद्मश्री और साहित्य अकादमी अवॉर्ड से सम्मानित हैं मोती लाल। जीरो ब्रिज-बख्शी स्टेडियम के बीच की बूंद रोड का नाम बदला, कश्मीरी कवि जिंदा कौल यानी मास्टर जी के नाम होगा रोड का नाम। महिला कॉलेज श्रीनगर का नाम भी बदला गया। प्रो. रियाज पंजाबी के नाम से होगा महिला कॉलेज का नाम। BHSS जवाहर नगर स्कूल का नाम भी बदला गया, प्रो. हामिदी कश्मीरी के नाम से होगा BHSS का नाम।
सरकार के इस फैसले का कश्मीरी पंडित स्वागत कर रहे हैं वहीं विरोधी फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। विरोधियों का कहना है कि विवादित लोगों के नाम पर सड़क और स्कूलों का नाम बदलना सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश है।
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