नई दिल्ली: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने सरकारी चैनल दूरदर्शन पर राम मंदिर के भूमि पूजन के निर्धारित प्रसारण का कड़ा विरोध दर्ज कराया है। इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इस समारोह को प्रसारित नहीं करने की मांग की गई है। इसके पीछे सीपीआई ने तर्क दिया है कि अयोध्या में होने वाले धार्मिक समारोह को प्रसारित करने के लिए दूरदर्शन का उपयोग राष्ट्रीय अखंडता के स्वीकृत मानदंडों के खिलाफ है। पार्टी ने कहा है कि चूंकि अयोध्या में बन रहा राम मंदिर लंबे समय से संघर्ष और विवाद का कारण रहा है, इसलिए इसके भूमि पूजन के समारोह के प्रसारण से बचना चाहिए।
CPI ने सूचना और प्रसारण (I&B) मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा, '1992 में बाबरी मस्जिद का विध्वंस और बाद में अयोध्या में राम मंदिर के लिए लामबंदी पिछले कई दशकों से देश में संघर्ष और तनातनी का कारण रहा है। प्रसार भारती अधिनियम, जो धारा 12 2 (ए) में दूरदर्शन के कामकाज को नियंत्रित करता है, स्पष्ट रूप से कहता है कि इसका उद्देश्य 'देश की एकता और अखंडता और संविधान में निहित मूल्यों को बनाए रखना' है।'
इस पत्र में जोर देकर कहा गया है, 'धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक सद्भाव के सिद्धांतों पर देश के लिए राष्ट्रीय प्रसारक के रूप में स्थापित दूरदर्शन का उपयोग 5 अगस्त को अयोध्या में धार्मिक समारोह को प्रसारित करने के लिए राष्ट्रीय अखंडता के स्वीकृत मानदंडों के विपरीत है।'
पत्र में भाकपा के बिनॉय विस्सम ने लिखा, 'भूमि पर विवाद की ऐतिहासिकता को देखते हुए जहां धार्मिक कार्य होना है सरकार को इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए और राज्य की धर्मनिरपेक्ष छवि से समझौता नहीं करना चाहिए।'
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