राकेश टिकैत ने किसानों के साथ किया धोखा? आंदोलन में पड़ी दरार!

Kisan Andolan: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले आठ महीने से चल रहा है लेकिन किसानों के नाम पर सियासत चमकाई जा रही है। अब किसान गुटों में बंट गए हैं।

kisan andolan
किसान आंदोलन पर बड़ी चर्चा 

किसान आंदोलन के नाम पर आठ महीने से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन चल रहा है। अब इस आंदोलन में बड़ी दरार पड़ गई है। भारतीय किसान यूनियन के किसान नेताओं ने अब एक अलग मोर्चा बना लिया है। इन किसानों का आरोप है कि राकेश टिकैत ने अपने सियासी फायदे के लिए आंदोलन का इस्तेमाल किया है। आंदोलन के चंद दिनों के बाद ही किसानों के नाम से चल रहा ये आंदोलन किसानों का कम और राजनीतिक दलों का ज्यादा लगने लग गया था। अब इस बात की पुष्टि भी हो रही है कि खुद को किसानों का मसीहा कहने वाले राकेश टिकैत किसानों की खेती पर राजनीति की फसल बोना चाहते हैं। राकेश टिकैत किसानों के कंधे पर सियासी हल लहराना चाहते हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और अकाली दल किसानों के मुद्दे को लपकने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। दोनों का मकसद किसानों के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करना है। सवाल है क्या राकेश टिकैत अपने सियासी फायदे के लिए भोले भाले किसानों को धोखा दे रहे और सवाल ये भी कि किसानों के नाम पर सियासत की फसल कब तक तैयार की जाएगी। 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर