नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सोमवार को जाफराबाद में पत्थरबाजी की घटना हिंसक प्रदर्शन में तब्दील हो गया। हिंसा की आग धीरे धीरे, मौजपुर, ब्रह्मपुरी, करावलनगर और भजनपुरा तक जा पहुंची। इस हिंसा में अब तक पांच लोगों की मौत हुई है जिसमें पुलिसकर्मी शामिल हैं। लेकिन इन सबके बीच बड़ा सवाल ये है कि आखिर वो कौन लोग हैं जिन्हें शांति नहीं रास आ रही है। इस हिंसा से संबंधित जो जानकारियां सामने आ रही हैं, वो खौफनाक है।
आखिर दिल्ली हिंसा के लिये कौन है जिम्मेदार
टाइम्स ऑफ इंडिया के एक फोटो जर्नलिस्ट से पूछा गया कि वो हिंदू है या मुसलमान। सवाल ये है कि आखिर जाफराबाद और उसके आस पास के इलाकों में शांति थी तो सोमवार को नफरत की आग कैसे भड़क गई। क्या किसी साजिश के तहत कुछ लोग केंद्र सरकार को बदनाम करना चाहते थे क्योंकि दुनिया का सबसे ताकतवर शख्स डोनाल्ड ट्रंप भारत के दौरे पर हैं और उनके दौरे से पहले व्हाइट हाउस की तरफ से बयान आया था कि सीएए- एनआरसी का मुद्दा उठाया जा सकता है।
क्या भड़काऊ बयान है हिंसा की वजह
इससे भी बड़ी बात यह है कि बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा ने एक तरह से अल्टीमेटम दिया था कि अगर सीएए की मुखालफत करने वालों ने जाफराबाद को बंधक बनाए रखा तो अंजाम ठीक नहीं होगा। इसके साथ ही अलग अलग धड़ों की तरफ से भी भड़काने वाली खबरें आईं। दिल्ली में हिंसा पर सोमवार को बाबरपुर से आम आदमी पार्टी के विधायक गोपाल राय ने कहा कि आश्चर्य की बात ये है कि पुलिस का कोई अधिकारी फोन तक नहीं उठा रहा है। लेकिन सवाल यह है कि ट्रंप के दौरे के समय जिस तरह से पत्थरबाजी की घटना हुई। कुछ प्रदर्शनकारियों ने मेट्रो स्टेशन को बंधक बना लिया है उसके पीछे कौन जिम्मेदार है।
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