दिल्ली के मुंडका इलाके में तीन मंजिला इमारत में लगी भीषण आग में झुलसने से अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि इस दर्दनाक हादसे में अब तक 12 लोगों के घायल होने की खबर है। जिनका इलाज संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में चल रहा है। वहीं जिस बिल्डिंग में आग लगी उसमें पिछले कई घंटों से दमकल विभाग की तरफ से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। बताया जा रहा है कि जिस वक्त ये हादसा हुआ उस समय बिल्डिंग के अंदर मीटिंग चल रही थी और मेन गेट को बाहर से बंद किया गया था। हालांकि आग लगने के बाद कई लोग कूद कर अपनी जान बचाने में कामयाब रहे। ये आग वहां कैसे लगी फिलहाल इसकी छानबीन जारी है। जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक बिल्डिंग कैंपस में प्लास्टिक का काफी सामान था। कई केमिकल ड्रम भी वहां मौजूद थे जिसकी वजह से आग काफी तेजी से फैली और उसने देखते ही देखते विकराल रूप ले लिया।
आगजनी की इस घटना पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम अरविंद केजरीवाल सहित तमाम लोगों ने दुख जताया है। हादसे के बाद केंद्र ने मुआवजे का ऐलान किया है।मृतकों के घरवालों को 2-2 लाख का मुआवजा और घायलों को 50-50 हजार रुपये की मदद का ऐलान किया है। इससे पहले शुक्रवार शाम को जब मेट्रो पिलर नंबर 544 के पास एक कमर्शियल बिल्डिंग धूं-धूं कर जलने लगी तो हर कोई हैरान रह गया। आग इतनी भीषण थी कि ये तेजी से फैलती चली गईऔर आग ने पूरी बिल्डिंग को अपनी चपेट में ले लिया। मौके पर दमकल विभाग की 30 गाड़ियां पहुंची। करीब 8 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू तो पा लिया गया... लेकिन इस दरमियान आग ने सब कुछ तबाह कर दिया। इस विकराल आग ने कई जिंदगियां लील लीं।
आइए अब आपको सुनाते है इस हादसे में जिंदा बचे शख्स की जुबानी, जिसने बिल्डिंग से कूद मारकर अपनी जान बचाई। पीड़ित ने बताया, 'फायर ब्रिगेड वाले को जलती बिल्डिंग से फोन किया। ना फायर ब्रिगेड आई ना कोई मदद आई। ना कोई अगल बगल से बचाने वाला आया। आग तकरीबन साढ़े 3- 4 बजे लगी थी। मैं जलती इमारत से कूद गया नीचे। लेटा पड़ा था नीचे तो एबुलेंस आई इसके बाद में एंबुलेंस में खुद चढ़ा हूं। और यहां एंबुलेंस वाले छोड़ गए। मैं आ गया अंदर।'
वीडियो में दिख रहा है कि किस कदर लोग अपनी जान बचाने के लिए बिल्डिंग के दूसरे फ्लोर से छलांग लगा रहे हैं। शरीर का भले ही कोई अंग टूटे लेकिन मकसद तो खुद की जान बचाना है। जहां बिल्डिंग के दूसरी तरफ से लोग बिल्डिंग का शीश तोड़कर नीचे कूदने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि बस जान बच जाए। साथ ही रेस्क्यू के लिए क्रेन की भी मदद ली गई। ये पहला मौका नहीं है जब दिल्ली में आगजनी की घटना में इतने लोगों की जान गई। इससे पहले भी कई बार दिल्ली में भीषण अग्निकांड हो चुके हैं। अगर पहले हुए हादसों के बाद कोई कदम उठाया होता तो ये हादसा नहीं होता। लेकिन अब देखना होगा कि इस हादसे के बाद क्या एक्शन लिया जाता है।
शुरुआती छानबीन में पता चला है कि बिल्डिंग परिसर में प्लास्टिक का काफी सामान था। साथ ही केमिकल और प्लास्टिक के दाने भी थे। आग लगने के बाद ये सभी सामान आग की चपेट में आ गए और पहली मंजिल से शुरू हुई आग बिल्डिंग के दूसरे फ्लोर पर भी फैलती चली गई। इमारत में लगी आग इतनी भीषण थी कि कई लोग बिल्डिंग से बाहर ही नहीं निकल पाए। बिल्डिंग आग आखिर कैसे लगी इसका खुलासा तो जांच पूरी होने के बाद ही होगा। लेकिन इस अग्निकांड में कई लोगों ने अपनी जान गवा दी।
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