दिल्ली हिंसा: पत्थर और पेट्रोल बम फेंकने के लिए दंगाइयों ने बनाई थी 'मौत की गुलेल' देखें-VIDEO 

देश
आलोक राव
Updated Feb 28, 2020 | 13:06 IST

Delhi Violence : जांच के दौरान पुलिस को कई इमारतों से पेट्रोल बम का जखीरा मिला है। इससे जाहिर है कि दंगाइयों ने सुनियोजित ढंग से हिंसा करने एवं लोगों को निशाने बनाने की योजना तैयार की थी।

Delhi Violence : Rioters made catapults Gulel at roof for targeting people with petrol bomb and stones Video
दिल्ली हिंसा में अब तक 39 लोगों की जान जा चुकी है। 
मुख्य बातें
  • गत 24 और 25 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई बड़े पैमाने पर हिंसा
  • हिंसा का दौर समाप्त होने के बाद शांति व्यवस्था कायम करने में जुटा प्रशासन
  • हिंसा ग्रस्त इलाकों में सामान्य हो रही स्थितियां, इलाकों में खुलने लगी दुकानें

नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा की आग में झोंकने की साजिश कितनी गहरी थी इस पर से पर्दा धीरे-धीरे उठने लगा है। पुलिस की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। मुस्तफाबाद इलाके में उपद्रवियों ने लोगों को निशाना बनाने के लिए खतरनाक साजिश रची थी। यहां की एक इमारत की छत पर पर टायर की रबड़ से बनी एक बड़ी गुलेल सामने आई है। समझा जाता है कि इस गुलेल से दंगाइयों ने सड़क पर लोगों को पेट्रोल बम और बड़े पत्थरों से निशाना बनाया। चूंकि बड़े पत्थर और पेट्रोल बम हाथ से फेंकने में खतरा हो सकता है इसलिए दंगाइयों ने लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए इस तरह की बड़ी गुलेल का इस्तेमाल किया। 

जांच के दौरान पुलिस को कई इमारतों से पेट्रोल बम का जखीरा मिला है। इससे जाहिर है कि दंगाइयों ने सुनियोजित ढंग से हिंसा करने एवं लोगों को निशाने बनाने की योजना तैयार की थी। एक अन्य वीडियो में दंगाई भजनपुरा और यमुना विहार इलाके में कैमरा तोड़ते और वाहनों को आग के हवाले करते नजर आए हैं। पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे दिल्ली हिंसा से जुड़ी साजिशों का खुलासा हो रहा है। दंगाइयों ने हिंसा फैलाने के लिए स्कूलों का भी इस्तेमाल किया है।    

खुलने लगीं दुकानें 
उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा ग्रस्त इलाकों में स्थितियां सामान्य होने लगी हैं। शुक्रवार को लोग घरों से बाहर निकले। बाजारों में दुकानें खुलीं और सड़कों पर पहले की तरह वाहन देखे गए। शिव विहार के एक दुकानदार योगेश कुमार ने बताया कि वह पांच दिनों के बाद अपनी दुकान खोल रहे हैं। दो दिन तक हिंसा की वारदात न होने पर प्रशासन ने निषेधाज्ञा वाले इलाकों में लोगों को 10 घंटे की राहत दी है। गुरुवार तक लोगों को अपने घरों से निकलने की इजाजत नहीं थी। बीते दिनों में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी हिंसा ग्रस्त इलाकों में जाकर लोगों से मिले हैं और उनसे बात की है। इससे लोगों में सुरक्षा की भावना बढ़ी है। 

अब शांति व्यवस्था पर जोर
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा थमने के बाद पुलिस और प्रशासन का पूरा जोर अशांत इलाकों में शांति कायम करने एवं कानून-व्यवस्था की स्थिति बहाल करने पर है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के दौरे के बाद हिंसा प्रभावित इलाकों में स्थितियां तेजी से सामान्य हुई हैं और लोगों के मन से भय दूर हुआ है। पुलिस ने भरोसा पैदा करने के लिए अमन कमेटियां बनाई हैं जो लगातार लोगों से बातचीत कर रही हैं। 

अब तक 43 लोगों की जान गई
बता दें कि गत 24 एवं 25 फरवरी को सीएए समर्थकों एवं विरोधियों के बीच उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में झड़पें हुईं। धीरे-धीरे हिंसा की आग कई इलाकों में फैल गई। उपद्रवियों ने अलग-अलग जगहों पर इमारतों, दुकानों एवं वाहनों में आग लगाई। अब तक हिंसा में 43 लोग मारे गए हैं। बताया गया है कि इनमें से 14 लोगों की मौतें गोली लगने से हुई है। इस बीच दिल्ली सरकार ने कहा है कि हिंसा में घायल लोग निजी अस्पतालों में अपना इलाज करा सकते हैं। उनके इस इलाज का खर्चा दिल्ली सरकार उठाएगी।

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