Times Now Navbharat Dhakad Exclusive : पूरा देश पीएम मोदी का 71वां जन्मदिन मना रहा है। इस अवसर पर पर रिकॉर्ड कोरोना वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा गया था। 21 जून को 88 लाख और 27 अगस्त को 1 करोड़ से ज्यादा लोगों का देश में कोरोना के खिलाफ रिकॉर्ड टीकाकरण हुआ था। इसी कड़ी में आज प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर रिकॉर्ड वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा गया था और एक दिन में सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन का वर्ल्ड रिकॉर्ड बन चुका है। अब तक ये रिकॉर्ड चीन के नाम था। चीन ने एक दिन में 27 जून को 2 करोड़ 23 लाख 70 हजार लोगों का वैक्सीनेशन किया था। भारत में रात 9:32 बजे तक 2 करोड़ 25 लाख 14 हजार से अधिक वैक्शीनेशन हो चुका है।
कोविड-19 से बचाव के लिए वैक्सीनेशन का आंकड़ा दोपहर डेढ़ बजे तक 1 करोड़ के लक्ष्य को पार कर चुका था। शाम 5 बजे तक वैक्सीनेशन का आंकड़ा 2 करोड़ को पार कर गया था और ये गिनती अब भी लगातार बढ़ रही है। Covin App के डैशबोर्ड पर इसे लाइव देखा जा सकता है। रिकॉर्ड वैक्सीनेशन को लेकर भारत पहले ही दुनिया के कई देशों को पीछे छोड़ चुका है और जिस तेजी से आंकड़े बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए अनुमान जताया जा रहा है कि रात 12 बजे तक यह आंकड़ा एक नया रिकॉर्ड बना सकता है।
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की मुसीबतें बढ़ती जा रही है। आज इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अनिल देशमुख के नागपुर वाले घर पर छापा मारा और रही सही कसर ED यानी प्रवर्तन निदेशालय ने पूरी कर दी। ED ने अपनी 77 पन्नों की चार्जशीट में 14 लोगों को आरोपी बनाया है। सचिन वाझे मुख्य आरोपी है। हालांकि चार्जशीट में अनिल देशमुख को आरोपी के तौर पर शामिल नहीं किया गया है, पर तकरीबन हर आरोपी ने अपने स्टेटमेंट में अनिल देशमुख का नाम लिया है।
ED ने 77 पन्नों की चार्जशीट में कई बड़े खुलासे किए हैं। ED ने अपनी चार्जशीट में जिक्र किया है कि एंटीलिया कांड में गिरफ्तार सचिन वाझे ने पूछताछ में खुलासा करते हुए कहा कि साल 2020 में मुंबई में हुए 10 DCP के ट्रांसफर को रुकवाने के लिए 2 मंत्रियों ने 40 करोड़ रुपये की मांग की थी। ED की पूछताछ में सचिन वाझे ने बताया कि ट्रांसफर का ऑर्डर मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने दिया था, जिससे अनिल देशमुख और अनिल परब खुश नहीं थे। वाझे के मुताबिक पैसों का लेन-देन हुआ और दूसरा ट्रांसफर ऑर्डर जारी किया गया। ED ने चार्जशीट में सचिन वाझे के हवाले से जिक्र किया है कि उन 10 पुलिस अधिकारियों से 40 करोड़ रुपये लिए गए थे, जो अनिल देशमुख, अनिल परब के बीच आधे आधे बंट गए।
त्योहारों से ठीक पहले हिंदुस्तान में बड़ी आतंकी साजिश का पर्दाफाश हुआ है। देश के अलग- अलग हिस्सों से जो आतंकी पकड़े गए हैं। उनसे पूछताछ में बहुत बड़े खुलासा हुए हैं, जिसके बाद आज दिल्ली पुलिस हेडक्वॉर्टर में एक बड़ी मीटिंग हुई, जहां तमाम बड़े अधिकारियों ने आतंक और उसके खतरों से निपटने के लिए रणनीति बनाई। अब तक की पुलिस जांच से जो जानकारी सामने आई है, उसमें इन सबके पीछे न केवल पाकिस्तान की बड़ी 'नापाक' साजिश का पर्दाफाश हुआ है, बल्कि यह भी पता चला है कि पाकिस्ता ने आतंकियों को किस तरह ट्रेनिंग दी।
आतंकी जीशान और ओसामा ने पूछताछ के दौरान कई खुलासे किए हैं, जिससे पता चलता है कि आतंकियों की साजिश दशहरा, दीवाली से पहले भारत में धमाके की थी। यह भी पता चलता है कि पाकिस्तान ने 3 शिफ्ट में आतंकियों को ट्रेनिंग दी और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने आतंकियों के लिए प्लान A और प्लान B बनाया था।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 2013 में हुए दंगों में कई परिवार उज़ड गए। इन दंगों को भड़काने के आरोप में कई मुकदमे भी दर्ज हुए, लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 8 साल बाद 2021 में कई ऐसे मामलों को वापस लेने का फैसला किया है। सरकार ने इसके लिए शासन आदेश भी जारी कर दिया है। इस सरकारी आदेश में 82 लोगों के नाम हैं, जिनपर से मुकदमा वापस लिया जाएगा। सरकार का मानना है कि इसमें बहुत से निर्दोष लोगों के खिलाफ मामले नफरत की भावना से दर्ज कराए गए थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि ये दंगा सत्ता प्रायोजित था।
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