वो सिर्फ 4 साल का था। जम्मू-कश्मीर के रजौरी में रहता था। आतंकवादी हमले में वो मारा गया।वो 4 साल का वीर सिंह तो शायद ये भी नहीं जानता रहा होगा कि भारत-पाकिस्तान के बीच विवाद क्या है। आतंकवाद क्या है। ये जेहाद क्या होता है। वो बिलकुल नहीं जानता था।आखिर क्या कसूर था उसका। क्या ये कसूर था कि वो जम्मू कश्मीर के रजौरी में रहता था। क्या ये कसूर था कि वो बीजेपी नेता का भतीजा था।जो पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की आंखों में खटक रहा था।आतंकवादियों ने रजौरी में बीजेपी के मंडल अध्यक्ष जसबीर सिंह के घर पर ग्रेनेड फेंका।जिसकी जद में जसबीर सिंह के छोटे भाई बलबीर सिंह का बेटा वीर सिंह आ गया।और उसकी मौत हो गई। रजौरी से प्रदीप दत्ता की ये रिपोर्ट देखते हैं।
आतंकियों के निशाने पर थे बीजेपी के जसबीर सिंह
आतंकवादियों के निशाने पर शायद बीजेपी के मंडल अध्यक्ष जसबीर सिंह थे।लेकिन उस ग्रेनेड अटैक में 4 साल के वीर सिंह की मौत हो गई। जम्मू कश्मीर में नेताओं पर आतंकी हमला कोई नई बात नहीं है।जब से अनुच्छेद 370 हटाया गया है ऐसे कई हमले हुए हैं।
हताश आतंकियों की हरकत
सवाल यह है कि आतंकियों की इस तरह की कायराना हरकत क्यों कर रहे हैं, इस संबंध में आमतौर पर सभी जानकार एक सुर में बोलते हैं कि अब आतंकी गुटों में हताशा चरम पर है, लिहाजा इस तरह के हमले हो रहे हैं। खासतौर से बीजेपी नेताओं को निशाना बनाने के पीछे बड़ी वजह यह है कि अनुच्छेद 370 हटाने का काम बीजेपी शासन में हुआ। इसके साथ आतंकियों के खिलाफ एक्शन तेज हुआ है।
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