कश्मीरी पंडितों के नरसंहार से संबंधित TIMES NOW नवभारत के हाथ एक ऐसा दस्तावेज लगा है जिससे जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला सवालों में आ गए हैं। जम्मू कश्मीर सरकार के प्रवासियों की स्थायी संपत्ति पर 1997 के कानून का ये दस्तावेज बताता है कि कैसे तत्कालीन सीएम फारूक अब्दुल्ला ने प्रवासियों की पहचान की और उनकी संपत्ति से जुड़ा कानून बनाया। इस कानून के तहत उनको प्रवासी माना गया जिन्होंने 1 नवंबर 1989 के बाद जम्मू कश्मीर से पलायन किया था। प्रवासियों की स्थायी संपत्ति से जुड़ा ये कानून उस वक्त लागू हुआ था जब फारूक मुख्यमंत्री थे। अब सवाल ये है कि प्रवासियों को लेकर कानून लाने वाले फारूक को पता था कि जम्मू-कश्मीर से पलायन हो रहे हैं? क्या फारूक अब्दुल्ला को नरसंहार की जानकारी थी? क्या जानबूझकर फारूक ने कश्मीरी पंडितों को मरने के लिए उनके हाल पर छोड़ दिया?
खबर है कि
मतलब
TIMES NOW नवभारत के सवाल
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