नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान संगठन दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं।किसान संगठनों ने 29 दिसंबर को बातचीत का प्रस्ताव पेश किया था। लेकिन केंद्र सरकार ने 30 दिसंबर को दोपहर 2 बजे बातचीत के लिए बुलाया है। लेकिन इन सबके बीच पंजाब में किसान मोबाइल टावरों पर गुस्सा निकाल रहे हैं, खास तौर से जियो के टावर और रिलायंस के पेट्रोल पंप को निशाना बनाया जा रहा है। इस तरह की हरकतों पर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह कह चुके हैं कि इस तरह की हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
टॉवर को किसान बना रहे हैं निशाना
जालंधर में जियो की तारों का जलाने का मामला सामने आया है। इस समय पंजाब में जियो के 9000 मोबाइल टावर हैं। बड़ी बात यह है कि टावरों की पावर सप्लाई बंद की जा रही है। एक जगह पर लोग मोबाइल टावर के लिए लगे जेनेरेटर भी लेते गए। कुछ प्रदर्शनकारियों ने टावर की देख-रेख करने वाले कर्मचारियों को बुरे नतीजों की धमकी दी। उनका कहना है कि जब तक कृषि कानूनों को पूरी तरह से वापस नहीं लिया जाता तब तक उनका विरोध चलता रहेगा।
पीटीआई के मुताबिक एक सूत्र ने बताया कि शनिवार तक 1411 मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाया गया था सोमवार को ये आंकड़ा 1500 से पार हो गया है। बताया जा रहा है कि अमरिंजर सिंह सरकार ने इस तरह की हरकतों पर सख्ती से निपटने का फैसला किया है। इस तरह की तोड़फोड़ की वजह से छात्रों के सामने मुश्किल आ रही है, कोविड की वजह से स्कूल बंद है, राज्य में ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है लेकिन किसान आंदोलन की वजह से टावरों को निशाना बनाया जा रहा है और उसकी वजह से दूसरे लोगों को परेशानी हो रही है।
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