Rahul Bhat : कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट के लिए इंसाफ की आवाज लगातार उठ रही है। राहुल की हत्या के आठ दिन बीत गए हैं लेकिन कश्मीरी पंडितों का आतंक के खिलाफ गुस्सा एवं आक्रोश कम नहीं हुआ है। बड़गाम में उनका विरोध प्रदर्शन आठवें दिन भी जारी है। कश्मीरी पंडित इंसाफ की जंग लड़ रहे हैं। बता दें कि बड़गाम में 12 मई को आतंकियों ने गोली मारकर राहुल की हत्या कर दी। वह तहसीलदार कार्यालय में क्लर्क की नौकरी कर रहे थे। स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक भी इस विरोध-प्रदर्शन में शामिल हैं। शिक्षक खुद को सुरक्षित जगह ट्रांसफर करने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि भट्ट की पत्नी ने अधिकारियों से मिलकर कई बार राहुल को स्थानांतरित करने की अपील की लेकिन इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया गया।
नाम पूछकर गोली मोरी
राहुल के पिता ने कहा कि आतंकियों ने नाम पूछने के बाद उनके बेटे को गोली मारी। तहसील कार्यालय में आतंकियों ने पहले पूछा कि राहुल भट्ट कौन है और फिर उसके बाद उसे गोली मार दी। राहुल के पिता ने इस केस की सही तरीके से जांच करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह पता लगाया जाना चाहिए कि आखिर यह कैसे और क्यों हुआ। तहसील कार्यालय से महज 100 फीट की दूरी पर यह घटना हुई।
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कश्मीरी हिंदुओं का फूटा गुस्सा
वहीं, राहुल की हत्या पर कश्मीरी पंडितों का गुस्सा फूट पड़ा है। इस हत्या के खिलाफ बडगाम सहित कई जगहों पर लोगों ने प्रदर्शन किए। बडगाम में प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई। प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। प्रदर्शनकारी कश्मीरी पंडितों ने कहा कि सरकार के आश्वासन के बाद भी उन पर हमले हो रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि आतंकवादी हमलों में कब तक वे अपनी जान गंवाते रहेंगे।
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