Uttarakhand: उत्तराखंड में टला नहीं है अभी खतरा, इन इलाकों से होकर गुजरेगा 'जलप्रलय' का पानी

देश
किशोर जोशी
Updated Feb 07, 2021 | 16:00 IST

उत्तराखंड के जोशीमठ के पास स्थित रविवार को रैणी गांव (Raini Village) में ग्लेशियर टूटने से मची भारी तबाही के बाद हालात विकट हो गए हैं।

Flash Flood in Uttarakhand’s Chamoli,water will pass through these areas of Ganga
उत्तराखंड के इन इलाकों से होकर गुजरेगा तबाही का पानी 
मुख्य बातें
  • उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से मची तबाही, 150 के करीब लोग लापता
  • निचले इलाकों में बना हुआ है खतरा, हरिद्वार और ऋषिकेश में अलर्ट
  • ऊपरी क्षेत्र से जब पानी नीचे की तरफ आने से तेज होगा पानी का बहाव

नई दिल्ली: उत्तराखंड के जोशीमठ जिले में ग्लेशियर टूटने से तबाही मची हुई है। अभी तक जो खबर मिली है उसके मुताबिक करीब 150 लोग लापता बताए जा रहे हैं।  ग्लेशियर टूटने से भारी मात्रा में बारिश का पानी और मलबा आने से तपोवन स्थित बांध ध्वस्त हो गया है और कई छोटे-छोटे पुल नष्ट हो गए हैं। पानी के बढ़ते प्रवाह को देखते हुए निचले इलाकों में खतरा बना हुआ है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने ट्वीट कर बताया, 'अलकनन्दा का जलस्तर खतरे का निशान- 758.30मी. सुबह 8 बजे- 749.25 मी., दोपहर 2 बजे- 749.24 मी., दोपहर 3 बजे- 752.7 मी. चमोली आपदा:  राहत की खबर ये कि कर्णप्रयाग में अलकनन्दा का बहाव एकदम शांत दिख रहा है। यहां जलस्तर सामान्य है।ईश्वर सबकी रक्षा करें।

ये हैं गंगा की सहायक नदियां

अलकनंदा की पाँच सहायक नदियाँ हैं जो गढ़वाल क्षेत्र में पांच अलग अलग स्थानों पर अलकनंदा से मिलकर पंच प्रयाग बनाती हैं। चमोली में ऋषिगंगा अलकनंदा से मिलती है इसके बाद गोविंदघाट, में लकम्नगंगा अलकनंदा में मिलती है जिसके बाद विष्णुप्रयाग होते हुए नंदप्रयाग तक आती है। कर्णप्रयाग में पिंडर नदी अलकनंदा से मिलती है। अलकनंदा नदी का प्रवाह राज्य के तीन जिलों चमोली, रूद्रप्रयाग तथा पौड़ी में होता है।

कुछ ऐसा है नदियों का मार्ग

चमोली के बाद पानी रूद्रप्रयाग फिर देवप्रयाग और विष्णुप्रयाग होते हुए जोशीमठ की तरफ आती है। जोशीमठ में खास बात यह है कि यहां नदी के किनारे रिहायशी इलाका कम है। इसके बाद कर्णप्रयाग है जहां पर निचले इलाकों में बहुत से लोग रहते हैं, वहां खतरा बना हुआ है। कर्णप्रयाग से पानी श्रीनगर में आएगा जहां एक डैम है जिसे पहले ही थोड़ा खाली करवा लिया गया है। फिलहाल पानी कम नहीं हुआ है बल्कि उसे टिहरी डैम में रोका गया है और जैसे-जैसे जलस्तर बढ़ेगा तो प्रशासन की मजबूरी हो जाएगी की पानी को छोड़ा जाए।  

श्रीनगर डैम से छोड़ा जाएगा पानी

ऊपरी क्षेत्र से जब पानी नीचे की तरफ आता है तो उसका बहाव और तेज हो जाता है। ऐसे में अगर श्रीनगर डैम से पानी छोड़ा जाएगा तो इससे निचले इलाकों में खतरा और बढ़ेगा। हालांकि राहत की खबर है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य है जो डैम में पानी जमा होने के कारण भी कम हो सकता है। देव प्रयाग में अलकनंदा और भागीरथी का संगम होता है और इसके बाद अलकनंदा नाम समाप्त होकर केवल गंगा नाम रह जाता है।

हरिद्वार और ऋषिकेश में खतरा

 निश्चित रूप से पानी हरिद्वार तक पहुंचेगा जहां पहले ही अलर्ट जारी किया गया है। ऋषिकेश से निचले इलाके तुरंत खाली करा दिए गए हैं और निचले इलाकों के रिजॉर्ट को एसडीआरएफ तथा पुलिस ने अपने हाथों में ले लिया। ऋषिकेश के बाद पानी हरिद्वार पहुंचेगा जहां गंगा को दो तरफ मोड़ा जा सकता है जहां से एक बिजनौर की तरफ मोड़ा जा सकता है जो रूड़की के अलावा मैदानी इलाकों में नुकसान पहुंचा जा सकता है। दूसरा है गाजियाबाद की तरफ जो मुरादनगर की तरफ जाएगा उस इलाके को इफेक्ट करेगा।

यूपी में योगी ने दिए निर्देश

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ने गंगा नदी के किनारे स्थित सभी जनपदों के ज़िलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को पूरी सतर्कता बरतने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड में बांध के टूटने से उत्पन्न हुई परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश में संबंधित विभागों, अधिकारियों और SDRF को हाई-अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है

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