नई दिल्ली: भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है। उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। अभिजीत ने ट्वीट किया, 'भारी मन के साथ आपको यह सूचित करना है कि मेरे पिता श्री प्रणव मुखर्जी का आरआर अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वोत्तम प्रयासों और भारत भर के लोगों की प्रार्थनाओं, दुआओं के बावजूद निधन हो गया है! मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूं।' सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की। राजकीय शोक के दौरान देश भर में सरकारी भवनों पर तिरंगा आधा झुका रहेगा और कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं होगा।
आज ही अस्पताल की तरफ से जानकारी दी गई थी कि प्रणब मुखर्जी का स्वास्थ्य सोमवार को और खराब हो गया क्योंकि फेफड़े में संक्रमण की वजह से उन्हें सेप्टिक शॉक लगा है। सेप्टिक शॉक एक ऐसी गंभीर स्थिति है, जिसमें रक्तचाप काम करना बंद कर देता है और शरीर के अंग पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त करने में विफल हो जाते हैं। सेना के अनुसंधान एवं रेफरल अस्पताल ने बताया कि 84 वर्षीय मुखर्जी का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि वह गहरे कोमा में हैं और वेंटिलेटर पर हैं।
दरअसल सेना के रिसर्च एवं रेफरल अस्पताल में उनकी इमरजेंसी ब्रेन सर्जरी हुई थी और वह कोरोना के संक्रमण से भी जूझ रहे थे। हालात नाजुक होने के बाद उन्हें उन्हें वेंटिलेटर पर ही रखा गया था। उनके अस्पताल में भर्ती होने के बाद हर कोई प्रणब मुखर्जी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहा था। सर्जरी से पहले प्रणब मुखर्जी में कोरोना की पुष्टि हुई थी। खून का थक्का बनने की वजह से उनकी ब्रेन सर्जरी की गई थी। 2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी को एक साल पहले भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उनकी सेहत को लेकर पश्चिम बंगाल में पूजा-अर्चना के साथ हवन भी किए जा रहे थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी एक समय देश के प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल रहे थे। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में किरनाहर शहर के निकट स्थित मिराती गांव में प्रणब मुखर्जी का जन्म हुआ था।
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