Rashtravad: आज राष्ट्रवाद में बात कांग्रेस नेता गुलाम नबी के 'आजाद' बोल के। क्या कांग्रेस पार्टी को सिक्योरिटी गार्ड और राहुल गांधी के PA चला रहे हैं ? ये दावा किया है सोनिया गांधी के करीबी रहे, कांग्रेस में करीब 50 साल बिताने वाले गुलाम नबी आजाद ने। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाब नबी आजाद ने आज पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इस इस्तीफे के ऐलान के लिए उन्होंने सोनिया गांधी को 5 पन्नों की एक चिट्ठी लिखी। इस चिट्ठी के आखिरी दो लाइन में उन्होंने इस्तीफे का जिक्र किया, बाकी 5 पन्नों में उन्होंने कांग्रेस की दुर्दशा के इतने कारण गिनाए कि जितने तो कांग्रेस के पास सांसद नहीं हैं।
गुलाम नबी आजाद की इस्तीफे वाली ये चिट्ठी ऐसी है जैसे राहुल गांधी को समर्पित हो, पहले पन्ने पर तो उन्होंने कांग्रेस के सुनहरे दिनों के बारे में लिखा। लेकिन दूसरे पन्ने से वो राहुल गांधी पर जमकर बरसने लगे। और कांग्रेस की बर्बादी के लिए राहुल गांधी को इकलौता जिम्मेठार ठहरा दिया। इस्तीफे वाली चिट्ठी के दूसरे पन्ने के पांचवें और छठे पैराग्राफ में गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी की राजनीति में एंट्री से ही सवाल उठाना शुरू कर दिया। उन्होंने लिखा दुर्भाग्य से राजनीति में राहुल गांधी की एंट्री और खासतौर पर जब आपने जनवरी 2013 में उन्हें उपाध्यक्ष बनाया, तब राहुल ने पार्टी में चली आ रही सलाह के मैकेनिज्म को तबाह कर दिया। सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को साइड लाइन कर दिया गया और गैरअनुभवी चापलूसों का नया ग्रुप बन गया, जो पार्टी चलाने लगा।
इसके बाद इसी चिट्ठी के तीसरे पेज के चौथे पैराग्राफ में गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी के नेतृत्व पर भी सवाल उठाया। उन्होंने लिखा 2014 में आपकी और उसके बाद राहुल गांधी की लीडरशिप में कांग्रेस शर्मनाक तरीके से 2 लोकसभा चुनाव हारी। 2014 से 2022 के बीच हुए 49 विधानसभा चुनावों में से हम 39 चुनाव हार गए। पार्टी ने केवल 4 राज्यों के चुनाव जीते और 6 मौकों पर उसे गठबंधन में शामिल होना पड़ा। अभी कांग्रेस केवल 2 राज्यों में शासन कर रही है और 2 राज्यों में गठबंधन में उसकी भागीदारी मामूली है।
इस पेज के 6ठे पैराग्राफ में गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी पर सबसे तीखा हमला किया, और दावा कर दिया कि कांग्रेस को तो राहुल गांधी के सिक्योरिटी गार्ड चला रहे हैं। उन्होंने आगे लिखा कि यूपीए सरकार की अखंडता को तबाह करने वाला रिमोट कंट्रोल सिस्टम अब कांग्रेस पर लागू हो रहा है। आप बस नाम के लिए इस पद पर बैठी हैं। सभी जरूरी फैसले राहुल गांधी ले रहे हैं, उससे भी बदतर यह है कि उनके सुरक्षाकर्मी और पीए ये फैसले ले रहे हैं।
गुलाम नबी आजाद ने सरकारी अध्यादेश को फाड़ने पर भी राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने लिखा राहुल गांधी का मीडिया के सामने सरकारी अध्यादेश को फाड़कर फेंकना, वो अध्यादेश जिसे कांग्रेस के अनुभवी नेताओं ने गहन विचार-विमर्श करके तैयार किया था। राहुल गांधी का ये व्यवहार बचकाना था और इस हरकत की वजह से प्रधानमंत्री और भारत सरकार की गरिमा को भारी ठेस पहुंची। और फिर पांचवे पन्ने के अंत में गुलाम नबी आजाद ने, राहुल गांधी के भविष्य के सबसे मत्वपूर्ण अभियान पर चोट किया और लिखा। राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा से पहले कांग्रेस जोड़ो यात्रा की जरूरत है। मैंने भारी मन और बहुत खेद के साथ कांग्रेस से अपना दशकों पुराना रिश्ता तोड़ने का फैसला किया है। मैं कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा देता हूं।
इधर गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी की कमियां गिना दी, उधर कांग्रेस कई बड़े नेता गुलाब नबी आजाद पर हमलावर हो गए। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने लिखा, GNA यानी गुलाम नबी आजाद का DNA MODI-FIED हो गया है। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, उनका त्यागपत्र हताशा और विश्वासघात का भाव देता है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी और कहा कि जाहिर है कि गुलाम नबी आजाद बहुत आहत हुए होंगे। जबकि अशोक गहलोत ने कहा कि 42 साल से आजाद साहब के साथ काम किया, उम्मीद नहीं थी ऐसी चिट्ठी लिखेंगे।
अब सवाल ये है कि कांग्रेस से इस्तीफे के बाद गुलाम नबी आजाद क्या करेंगे। हमारी एडिटर इन चीफ नाविका कुमार से बात कर उन्होंने अपने आगे का प्लान बताया। गुलाब नबी आजाद के बाद बीजेपी को भी मौका मिल गया है। कांग्रेस में लंबे समय तक रह चुके असम के मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने कांग्रेस को आज फिर आइना दिखाया। कहा कि जो बात गुलाम नबी आजाद आज कह रहे हैं। मैंने पहले ही कह दिया था।
आपको बता दें कि कांग्रेस के सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद ने ऐसे समय इस्तीफा दिया है। जब सोनिया गांधी और राहुल गांधी विदेश में हैं और गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद जम्मू कश्मीर में कांग्रेस के लीडर लगातार इस्तीफे दे रहे हैं।
तो इस सिचुएशन में आज राष्ट्रवाद में सवाल हैं-
क्या कांग्रेस को सिक्योरिटी गार्ड और PA चला रहे हैं?
'गैरअनुभवी चापलूसों' की वजह से कांग्रेस बर्बाद ?
राहुल के रिमोट कंट्रोल से चलती है कांग्रेस ?
भारत जोड़ो' नहीं 'कांग्रेस जोड़ो' यात्रा से बचेगी कांग्रेस?
गुलाम के 'आजाद' बोल से कांग्रेस की 'पोल खोल' ?
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